प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सेवा, सुरक्षा और सुशासन के स्वर्णिम ग्यारह साल

 (सुरेश पचौरी-विभूति फीचर्स)

प्रस्तुति-सुरेश प्रसाद आजाद

  लोकत‍ंत्र में श्रेष्‍ठ नेतृत्‍व की पहचान नीति, नीयत और निष्‍ठा की कसौटी पर खरा उतरने से होती है, यह एक सुखद पक्ष है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस मापदंड पर सर्वथा खरे उतरे हैं। देश की जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ उन्हें देश का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी और उन्होंने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की प्रथम बार शपथ ली। बतौर प्रधानमंत्री अपने 11 वर्ष के लगातार कार्यकाल में उन्होंने राजपथ को कर्तव्य पथ के रूप में स्वीकारा तथा देशवासियों का विश्वास जीतने में कामयाब रहे।

         श्री नरेन्द्र मोदी ऐसे कर्मयोगी हैं, जो ‘सर्वे भवन्‍तु सुखिन:’ के राष्ट्र-भाव को चरितार्थ करते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास’ का संकल्प लेकर भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने में अहर्निश लगे हुए हैं। संक्षेप में कहा जाए तो मोदी जी के नेतृत्‍व वाली केन्‍द्र सरकार का सिद्धांत है- रिफार्म, परफार्म एवं ट्रांसफॉर्म, प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की सिद्धि के लिए अपनी प्राथमिकता में GYAN को रखा है। G का तात्पर्य गरीब, Y का तात्पर्य युवा, A का तात्पर्य अन्नदाता किसान और N का तात्पर्य नारी, वर्तमान में केंद्र सरकार ने अपनी कल्‍याणकारी योजनाओं में इन पर अधिक फोकस किया है।

गरीब कल्‍याण कार्यक्रम

 केन्‍द्र सरकार ने समाज के शोषित, वंचित, पीड़ित एवं सर्वहारा वर्ग के हितों को दृष्टिगत रखते हुए अनेक ऐतिहासिक एवं कल्‍याणकारी निर्णय लिये हैं। श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2 अक्‍टूबर 2014 को स्‍वच्‍छ भारत अभियान की शुरुआत की। पिछले 11 वर्षों में यह अभियान एक जन आंदोलन बन गया है। स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत लगभग 12 करोड़ शौचालय बन चुके हैं। उज्‍ज्‍वला योजना के अंतर्गत लगभग 10 करोड़ गैस कनेक्‍शन नि:शुल्‍क दिये गये हैं। पिछले 5 सालों में जल जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ परिवारों के घरों में नल से जल देने का काम पूरा हुआ है। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को 4 करोड़ घर मिल चुके हैं। देश के 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्‍क राशन उपलब्‍ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत  मार्च 2025 तक कुल 55.02 करोड़ जन-धन खाते देश में खोले जा चुके हैं। इन्‍हीं सब प्रयासों की वजह से 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ गये हैं।

युवा शक्ति की बेहतरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की प्राथमिकताओं में युवाओं के लिए अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य, फिटनेस और उन्‍हें उचित हुनर से लैस करना शामिल है। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, मुद्रा कोष योजना और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं ने भारत को विकसित राष्‍ट्र की ओर आगे बढ़ाया है। मार्च 2025 तक समर्थ पोर्टल पर लगभग 5 लाख उपयोगकर्ता पंजीकृत हुये, जिनमें से 77 प्रतिशत युवाओं को प्‍लेसमेंट मिल चुका है। स्‍टार्टअप इंडिया के तहत 16 लाख लोगों को प्रत्‍यक्ष नौकरियां मिली हैं और नौजवान इन योजनाओं से प्रभावित होकर स्‍वरोजगार स्‍थापित कर रहे हैं।

किसान कल्याण

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन बहुत साफ़ है कि किसानों को उनकी पैदावार का सही दाम मिले। इस बाबत् फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में रिकार्ड बढ़ोत्तरी की। किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों को उनके बैंक खातों में हर चार महीनों में दो हजार रुपये पहुचाये जाते हैं। पीएम किसान सम्मान निधि से करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये सीधे किसान के खातों में पहुंचे हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत दो लाख करोड़ रुपये किसानों को मिले हैं। किसानों को सस्ते दामों में खाद मिले, इस दिशा में पिछले दस सालों में बारह लाख करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। दलहन, तिलहन और नारियल की खरीद के लिए सरकारी गारंटी बढ़ाकर 45,000 करोड़ रुपये कर दी गई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएमआरकेवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) का बजट 1,01,321.61 करोड़ रुपये कर दिया है। आज भारत दूध और मसालों के उत्पादन में विश्व में पहले नम्बर  पर है। भारत सरकार ने 2817 करोड़ रुपए डिजिटल कृषि मिशन के लिए स्वीकृत किये हैं। 

महिला सशक्तिकरण

 महिला सशक्तिकरण मोदी सरकार के विकास एजेंडे का प्रमुख हिस्सा है। मातृवंदन योजना, नारी शक्ति वंदन और 33 प्रतिशत आरक्षण से  महिलाओं के जीवन में नई उम्मीद जगी है। स्टैंडअप इंडिया से 81प्रतिशत महिलाएं उद्यमी बनीं। मुद्रा योजना से 68 प्रतिशत महिलाएं लाभार्थी हुईं । केन्‍द्र सरकार का लक्ष्‍य तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, जिनमें से लगभग 1 करोड़ 10 लाख लखपति दीदी अपना गरिमामय जीवन जी रही हैं। ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ अभियान से बेटियों का आत्‍मसम्‍मान बढ़ा है। तीन तलाक कानून की समाप्ति से मुस्लिम महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में वृद्धि 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व वाली केन्‍द्र सरकार ने देश में लगभग 1लाख 75 हजार आयुष्‍मान आरोग्‍य मंदिर खोले हैं। मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि समाज के हर वर्ग खासकर सामान्य लोगों तक स‍स्‍ती, सुलभ एवं गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं पहुंचें। इस दिशा में जारी प्रयास के परिणाम स्वरूप अस्‍पताल,इलाज और दवाओं पर होने वाला खर्च निरन्‍तर कम होता जा रहा है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री जी ने स्‍वदेशी वैक्‍सीन के आविष्कार में प्रेरक भूमिका निभाई।

सांस्‍कृतिक विरासत का संरक्षण

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्पना *संकल्‍प विरासत का, संरक्षण भी और विकास भी* के परिणाम स्‍वरूप अयोध्‍या में रामलला की दिव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा सम्‍पन्‍न हुई। काशी में बाबा विश्‍वनाथ कॉरिडोर, उज्‍जैन में महाकाल लोक, केदारनाथ धाम का नवनिर्माण, बद्रीनाथ क्षेत्र का विकास, करतार साहब कॉरिडोर को खुलवाना, हेमकुण्‍ड साहब और गिरनार में रोपवे बनाना, नमामि गंगे योजना, तिरुवल्‍लूर में कल्‍चरल सेन्‍टर बनाना आदि उल्लेखनीय कार्यों से भारत आत्‍मगौरव के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

धारा 370 की समाप्ति

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने जम्‍मू-कश्‍मीर में धारा 370 समाप्‍त कर दी। धारा- 370 को हटाना  इतिहास की धारा को मोड़ने वाला निर्णय साबित हुआ है, इससे जम्‍मू-कश्‍मीर में खुशहाली की राह खुली है और देश की एकता व अखण्‍डता का ताना-बाना मजबूत हुआ है। आज स्थिति यह है कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक आतंकियों की गतिविधियों के पुरजोर विरोध में खड़े हुये हैं।

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति

  प्रधानमंत्री श्री मोदी की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति बहुत स्पष्ट है। पाकिस्‍तान के हुक्‍मरानों, पाकिस्‍तानी सेना, आईएसआई और उनके द्वारा पोषित आतंकवादी संगठनों ने भारत में समय-समय पर आतंकवादी हमले किये हैं, जिसमें निर्दोष भारतीयों की जानें गई हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सेना को पाकिस्‍तान पर जवाबी कार्रवाई के लिए खुली छूट दी। भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्‍तान के आतंकवादी अड्डों एवं प्रशिक्षण शिविरों को जमींदोज कर दिया। प्रधानमंत्री जी ने विश्‍व समुदाय के सामने भारत का पक्ष रखने के निए सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्‍डल भेजने का फैसला लिया, जो सराहनीय कदम है।

भारतीय सेना को सम्मान

   प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न युद्धों के दौरान शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों की पुण्य स्मृति में दिल्ली में राष्ट्रीय शौर्य स्मारक एवं नेशनल वॅार मेमोरियल निर्मित कराये गये। पूर्व सैनिकों के लिए “वन रैंक वन पेंशन” योजना लागू की गई। केंद्र सरकार ने देश के रक्षा बजट में काफी बढ़ोत्तरी की। रक्षा बजट जो वर्ष 2014 में 46,429 करोड़ रुपये था, वह 2024 में 1.27 लाख करोड़ हो चुका है। मेक इन इंडिया, डिफेंस स्टार्टअप की बदौलत रक्षा उत्पादन के मामलों में भारत आत्मनिर्भर होने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। देश में पहले 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किये जाते थे, वहीं अब 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में ही तैयार हो रहे हैं। स्वदेशी रक्षा उत्पादन जैसे तेजस लड़ाकू विमान, ब्रम्होस मिसाइल और अग्नि मिसाइल सिस्टम ने भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है। आज भारत लगभग 100 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। भारत का रक्षा निर्यात 2013-14 में 686 करोड़ रुपये का था, जो बढ़कर 23,000 करोड़ रुपये हो गया है।

          नया भारत विकसित भारत हो इसके लिये आधारभूत संरचना को मजबूत बनाना प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकता है। नागरिकता संशोधन कानून, ई-गवर्नेन्स, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, अक्षय ऊर्जा में वृद्धि, पीएम गतिशक्ति आदि योजनाएं देश को विकसित एवं खुशहाल भारत की ओर ले जाने की दूरगामी पहल है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जीवन राष्ट्रयज्ञ की समिधा है, और उनकी कामना रन्तिदेव की तरह राष्ट्र को वैभव पूर्ण बनाने की है।

रन्तिदेव ने कहा था -‘‘न त्वहं कामये राज्यं, न स्वर्ग न पुनर्भवम्।

कामये दुःख तातानां, प्राणिनामातिं नाशनम्।।’’

अर्थात् – न मुझे राज्य की कामना है, न स्वर्ग की और न पुनर्जन्म से छुटकारा पाने की। मेरी कामना तो यह है कि मैं दुखों से संतप्त प्राणियों के काम आ सकूं।

     इसी भावना से स्वप्नदृष्टा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत को दुनिया के समृद्ध और शक्तिशाली देशों में शुमार करने की दिशा में सन्नद्ध व संकल्पबद्ध हैं।  (विभूति फीचर्स) (लेखक, भारत सरकार के पूर्व रक्षा उत्पादन, कार्मिक व संसदीय कार्य राज्यमंत्री हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *