जीवन ज्योति व सुरक्षा बीमा का कराएं नवीनीकरण,नहीं तो समझा जायेगा रद्द।

दिनेश कुमार अकेला

 ०  ग्राहकों को पॉलिसी का नवीनीकरण नई बैंकिंग नीति के तहत कराना अब तो अनिवार्य ही होगा ।

नवादा ,23 मई 2025 । 

  नये दौर में अब बीते सत्र 2024-25 मे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा लेने वाले ग्राहकों को पॉलिसी का नवीनीकरण कराना तो अनिवार्य होगा। उपभोक्ताओं से अब कहा जा रहा है कि अगर ग्राहक नवीनीकरण नहीं कराते है तो उक्त बीमा रद्द हो जाएगी। इसकी अद्यतन जानकारी बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक विपुल सौरभ ने दी।    बताया कि बिहार ग्रामीण बैंक के

वैसे समस्त खाताधारी जिन्होंने विगत वर्ष में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना करवाया था, आगामी 31 मई तक उनके पॉलिसी का नवीकरण हो जाना है।   नवीनीकरण नही होने पर उनकी पॉलिसी स्वतः समाप्त हो जाएगी। नवीकृत हुए बीमा पॉलिसी की वैधता अब 1 जून 2025 से 31मई 2026 तक ही रहेगी। उन्होने सभी पॉलिसी धारकों से अनुरोध करते हुए कहा कि अपनी बीमा पॉलिसी के नवीकरण हेतु निर्धारित राशि 25 मई से  31 मई तक अपने बचत खाता में अवश्य रखें ।

       क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए ₹436 व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए ₹20 रुपए की राशि बतौर प्रीमियम के रूप में निर्धारित है। लोगों द्वारा लिए गए बीमा पॉलिसी के अनुरूप उनके बचत खाता से दिनांक 31 मई तक प्रीमियम की राशि स्वतः डेबिट हो जाएगी। अगर किसी कारण बीमा पॉलिसी नवीकरण राशि की कटौती नहीं हो पाती है तो ग्राहक अगले हीं दिन नवीकरण हेतु संबंधित बैंक की शाखा जाकर शाखा प्रबंधक से अपनी पॉलिसी की जांच करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत किसी भी कारण से मृत्यु होने पर नॉमिनी को ₹2 लाख मिलता है, यह योजना 18 से  50 वर्ष की आयु के सभी व्यक्तियों के लिए है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना से मृत्यु होने पर नॉमिनी को ₹2 लाख मिलता है,यह योजना 18 से  70 वर्ष की आयु के सभी व्यक्तियों के लिए है | यह दोनों ही योजना समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए काफी हितकारी है, एवं सभी योग्य खाताधारियों को इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत एनरोलमेंट/ नवीकरण करा लेना चाहिए । उपभोक्ता व पॉलिसी धारकों को लाभ के बदले दोहरी परेशानी के मक्कड़जाल में फंसाने वाली साबित हो गई है। पॉलिसी धारकों के हित के मध्येनजर इस पर शीघ्र पुनर्विचार करने की सख्त जरूरत है। अन्यथा पॉलिसी धारकों में अंतर्निहित अंतर्विरोध विस्फोटक विकराल रूप धारण कर लेगा तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं। अगर समय रहते ताजा उतपन्न जटिल समस्या का स्थायी सकारात्मक समाधान नहीं किया तो जन विद्रोह का सामना करने के लिए तैयार रहें। क्योंकि जन असंतोष की ज्वाला धधक उठेगी। इसके लिए जिम्मेवार सिर्फ आप और सरकार की जन विरोधी नीतियां ही होगी।

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