जन्म दिन की शुभकामनाएं ! – ज्ञानचंद मेहता

  • ज्ञानचंद मेहता 

नीतीश जी का सरल ,सहज कार्य -प्रणाली ने बदनाम बिहार के जंगल राज  का काया कल्प कर लालू यादव के आतंक से बिहार को भय मुक्त किया। यह उनके जीवन की  एक बड़ी उपलब्धि है। दूसरा सीएम होता तो लालू के लपेटे पे झांसे में आ गया होता। जो उन्होंने कहा कर दिखाया।

     लालू जी से अलग होने के  बाद नीतीश जी नवादा के ITI मैदान में  एक महती सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए दो प्रमुख बातें कही थी। उस सभा में  उपस्थित था। लालू जी जेल जाएंगे, जेल जाने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता है। सजा मिलेगी। और, दूसरी बात थी मैं  कुश कवाड़ कर खेत साफ करके खेती करने वाला हूं। राजद को जड़ से कवाड़ दूंगा फिर, जड़ में मठ्ठा डाल दूंगा कि आगे यह फ़ुज़े नहीं। तब लालू यादव का सितारा सातवें आसमान पर चमक रहा था। लगा, नीतीश जी यह गर्वोक्ति महज एक राजनैतिक भाषण भर है। अपने नेता और कार्यकर्ताओं के उत्साह संवर्धन के लिए है। लेकिन, दृढ़-प्रतिज्ञ नीतीश ने दोनों कार्य कर दिखाए।

 नीतीश जी लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री होने के बाद भी वे भ्रष्टाचारियों को अपने से दूर खदेड़ कर रखा ! सादगी और आडंबर हीन खान-पान, रहन – सहन उनकी विशिष्टता रही है। थोड़ी जातीयता और हल्की सी आत्ममुग्धता कि उन्हें कांग्रेस के गठबंधन वाला विपक्ष  भारत का प्रधानमंत्री बना देगा की सोच की कमज़ोरी को छोड़ दें तो वे बिहार के श्री बाबू जैसे कर्मठ और निष्ठावान मुख्यमंत्री के लेबल के राजनीतिज्ञ हैं। 

 मैं उनके जन्मदिन पर उनके लंबे जीवन और समुज्ज्वल भविष्य की कमाना करता हूं।

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