ज्ञानचंद मेहता
हजारीबाग, 08 जून 2025 ।

शीशे के बड़े दरवाजे को देर रात में आसन्न प्रसवा के परिजन द्वारा खटखटाना …. खटाना और खटखटाना!
झुंझलाकर निद्रावस्था में दरवाजा खुलता है तो बताया जाता उनींदी हालत में प्रसव विभाग में तैनात स्वास्थ्य सेवा कर्मी बहुमूल्य राय देती है कही और प्राइवेट में दिखला लीजिए केस क्रिकटिकल है। ऑन ड्यूटी डॉक्टर नदारद थी। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का जितना वीडियो बन सकता है, बना है। सोशलमीडिया़ पर प्रदर्शित है।
पीड़िता को लेकर उसके परिजन भागे – भागे पुराने मिशन अस्पताल के अहाते में श्रीनिवासन द्वारा संचालित अस्पताल, हजारीबाग भागे ! जहां सरल, सहज प्रसव के बाद जच्चा- बच्चा सुरक्षित है।
सरकारी दुर्व्यवस्था के चपेट में पड़ा शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के माध्यम से जनता नक़द जवाब मांगती है, कि भ्रष्ट सरकार के बड़बोले स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की निलंबित कर के हजारीबाग के प्रमंडल केंद्र मे हॉस्पिटल की व्यवस्था और तंत्र को शीघ्र ही ठीक क्यों नहीं किया जाय?
इस प्रकरण में संतोषप्रद बात है कि जिले के डीसी और माननीय सासंद ने स्वयं संज्ञान लेकर अपने – अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी।
फिर, यहां भी दो सवाल है, जिसका जवाब उधार रखना अस्पताल प्रबंधन और सरकार के लिए नामुमकिन और मुनासिब नहीं होगा।

माननीय सांसद ने मेडिकल सुपरिटेंडेंट से नियमानुसार कल बुधवार 6 जून ’ 25 को अस्पताल कार्यालय में मिलने की बात तय की थी। सांसद श्री मनीष जायसवाल निश्चित समय पर अस्पताल कार्यालय पहुंचे तो सुपरिटेंडेंट अनुपस्थित हो गए। सांसद न केवल हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि, किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि हजारीबाग में वे भारत सरकार के एक प्रतिनिधि भी हैं। केंद्र सरकार का एक अंश उनमें समाहित है। प्रोटोकॉल जैसा नियम है ।समय देकर अनुपस्थित होनेवाले मेडिकल सुपरटेंडेंट के इस आचरण की शिकायत यदि लोकसभा में कर दी जाए तो स्वास्थ्य विभाग, झारखंड संसद में जवाब देने के उत्तरदायित्व से बच नहीं सकता है।
दूसरा सवाल तो और भी हैरतअंग्रेज है! स्वास्थ्य मंत्री श्री इरफान अंसारी झारखंड दूरभाष पर सांसद, हजारीबाग को अवगत कराते हैं रात में महिला डॉक्टर सुरक्षा कारणों से उपस्थित नहीं थी। क्या, कोई ऐसा स्टैंडिंग ऑर्डर निर्गत है कि रात्रि में इतने बजे से इतना बजे तक महिला डॉक्टर सुरक्षा कारणों से हॉस्पिटल में अनुपस्थित नहीं रहेगी। हॉस्पिटल में पर्याप्त सुरक्षा दल तैनात है। क्या सुरक्षा दलों ने यह लिख कर कभी दिया है कि वे रात्रि में तैनात महिला डाक्टरों की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है। अस्पताल की असुरक्षा की इन बातों से कभी डीसी हजारीबाग को अवगत कराया गया है?
हॉस्पिटल में उपलब्ध सुरक्षाबल के भरोसे, प्रसव विभाग की सभी पुरुष, महिला कर्मी कांच के बड़े गेट के अंदर सुख से गहरी नींद में चैन से सो सकते हैं, वहां एक महिला डॉक्टर को किस बात की असुरक्षा है।
यह केस प्रथम दृष्टया अनुशासनहीनता, लापरवाही, काम के प्रति अनाभिरुचि की है ! धन्यवाद !