“बदलते मौसम, टूटती औरतें”,”सूखे खेत, खाली रसोई और थकी औरतें” -प्रियंका सौरभ

“बदलते मौसम, टूटती औरतें”,”सूखे खेत, खाली रसोई और थकी औरतें” गांव की औरतें, जलवायु की मार: बीजिंग रिपोर्ट की चेतावनी “पानी, पेट और पहचान की लड़ाई: ग्रामीण महिलाओं पर जलवायु…

समता मूलक समाज की स्थापना के प्रणेता डॉ. अम्बेडकर                                                                                                   (सुरेश पचौरी-विनायक फीचर्स)

मध्यप्रदेश  की माटी के गौरव सपूत, भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर, समता मूलक समाज की स्थापना के प्रणेता और भारत के संविधान के निर्माता हैं। डॉ. अम्बेडकर का जीवन संघर्षों …

क्रांति सूर्य महात्मा ज्योतिबाफुले जी के विचारों को आगे बढ़ाकर ही समाज में बदलाव ला सकते हैं। 

  नई दिल्ली में ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज द्वारा महात्मा ज्योतिबा फूले जी की जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित “राष्ट्रीय जागृति महासम्मेलन” में महान समाज सुधारक, महात्मा ज्योतिबा फुले जी…

 बाबा साहेब की विरासत पर सत्ता की सियासत, जयंती या सत्ता का स्वार्थी तमाशा? -प्रियंका सौरभ 

“जयंती का शोर, विचारों से ग़ैरहाज़िरी”,  “मूर्ति की पूजा, विचारों की हत्या”, “हाथ में माला, मन में पाखंड”  बाबा साहेब की विरासत पर सत्ता की सियासत, जयंती या सत्ता का…

“लोकतांत्रिक भारत: हमारा कर्तव्य, हमारी जिम्मेवारी”

जनतंत्र की जान: सजग नागरिक और सतत भागीदारी(अंबेडकर जयंती विशेष)  लोकतंत्र केवल अधिकारों का मंच नहीं, बल्कि नागरिकों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का साझेधार भी है। भारत जैसे विश्व के…

कलम से खींची गई नई सरहदें — प्रियंका सौरभ

(कलम से खींची गई नई सरहदें)  स्याही की सादगी: प्रियंका सौरभ की चुपचाप क्रांतिकारी कहानी हर युग में कुछ आवाज़ें होती हैं जो चीखती नहीं, बस लिखती हैं — और…

प्राइवेट सिस्टम का खेल: आम आदमी की जेब पर हमला -डॉ सत्यवान सौरभ

प्राइवेट सिस्टम का खेल: आम आदमी की जेब पर हमला भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं।  प्राइवेट…

राष्ट्रीय पुनरुत्थान की प्रेरणा देने वाला पर्व- वैशाखी

(सुभाष आनन्द-विभूति फीचर्स)  भारतवर्ष  मेलों और त्यौहारों का देश है। इनमें से कुछ का सम्बन्ध धर्म के साथ है तो कुछ का इतिहास के साथ और कुछ का सम्बन्ध मौसम…

कहानी

                बंजारा बस्ती (जनक वैद-विनायक फीचर्स)        हमारे उस छोटे से गाँव में सब मिलजुल कर रहते थे। अर्थात किसी को भी किसी से कोई शिकायत नहीं थी।   एक दिन प्रातः सभी…

“गाँव से ग्लोबल तक:  डॉ. सत्यवान सौरभ की कलम की उड़ान”-

“गाँव से ग्लोबल तक:  डॉ. सत्यवान सौरभ की कलम की उड़ान”   (संघर्ष, साहित्य और संवेदना, हरियाणा की माटी से निकला साहित्य का सितारा, शब्दों से समाज तक,युवा साहित्य का उगता…