विचारों का उपवन हैं पुस्तकें (संदीप सृजन-विभूति फीचर्स) ० पुस्तकें हैं वन उपवन, जहां विचारों की छाँव, ० हर पन्ना एक पंखुड़ी, बिखेरे ज्ञान का गंध। ० इनमें बसती है…
Category: National
बाबा बुलेटप्रूफ: श्रद्धा के पीछे सुरक्षा की फौज -डॉ. सत्यवान सौरभ
“बाबा बुलेटप्रूफ: श्रद्धा के पीछे सुरक्षा की फौज” मोक्ष की बात, मगर मौत का डर: बाबा की सुरक्षा का रहस्य “बाबा की सुरक्षा: आत्मा अमर है, लेकिन बॉडीगार्ड चाहिए!” जो…
आधी सच्चाई का लाइव तमाशा: रिश्तों की मौत का नया मंच -डॉ सत्यवान सौरभ
आधी सच्चाई का लाइव तमाशा: रिश्तों की मौत का नया मंच आजकल लोग निजी झगड़ों और रिश्तों की परेशानियों को सोशल मीडिया पर लाइव आकर सार्वजनिक करने लगे हैं, जहां…
“प्राइवेट स्कूल का मास्टर: सम्मान से दूर, सिस्टम का मज़दूर”-प्रियंका सौरभ
चॉक से चुभता शोषण: प्राइवेट स्कूल का मास्टर और उसकी गूंगी पीड़ा। “प्राइवेट स्कूल का मास्टर: सम्मान से दूर, सिस्टम का मज़दूर” प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों से उम्मीदें तो आसमान…
आख़िरी विकल्प नहीं है आत्महत्या
(गरिमा भाटी “गौरी”-विनायक फीचर्स) आज के अत्याधुनिक डिजिटल युग में, जहाँ हम तकनीक के माध्यम से दुनिया भर के लोगों से जुड़े हुए हैं, वहीं यह कटु सत्य है कि…
झारखंड की राजनीति में नया मोड़,अब झामुमो की कमान हेमंत सोरेन के हाथों
(कुमार कृष्णन-विनायक फीचर्स) “आज जब मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल रहा हूँ, तो मेरे मन में अनेक भावनाएँ उमड़ रही हैं। यह कोई साधारण पद…
“गोबर, गुस्सा और विश्वविद्यालय की गिरती गरिमा” – प्रियंका सौरभ
गोबर, गुस्सा और विश्वविद्यालय की गिरती गरिमा” गोबर का जवाब: जब शिक्षा की दीवारों पर गुस्सा पुता हो। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा क्लासरूम और प्रिंसिपल के घर पर गोबर…
डिग्री नहीं, दक्षता चाहिए: नई अर्थव्यवस्था की नई ज़रूरतें -डॉ. सत्यवान सौरभ
“क्लासरूम से कॉर्पोरेट तक: उच्च शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी” “डिग्री से दक्षता तक: शिक्षा प्रणाली को उद्योग से जोड़ने की चुनौती” “डिग्री नहीं, दक्षता चाहिए: नई अर्थव्यवस्था…
पंजाब में पुनः आतंक फैलाने की तैयारी में पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आई.एस.आई
( सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स) हुसैनी वाला के पार से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी एक बार पुन: भारतीय पंजाब को अशांत करने के नित नए-नए षड्यंत्र रच…
सीखो गिलहरी-तोते से -डॉ सत्यवान सौरभ
(साक्षात प्रेम देखकर लिखी गयी कविता) पेड़ की डाली पर बैठे, गिलहरी और तोते। न जात पूछी, न मज़हब देखा, बस मिलकर चुग ली रोटियाँ छोटे। न तर्क चले, न…