19 वर्षीय स्वीटी कुमारी भारत की रग्बी की दुनिया में

एक चमकता हुआ नाम।  

   प्रदेश प्रतिनिधि

पटना, 14 मई  2025 । 

बाढ़ अनुमंडल के नवादा गांव की रहने वाली, मात्र 19 वर्षीय स्वीटी कुमारी आज भारत की रग्बी की दुनिया में एक चमकता हुआ नाम हैं। छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने जो कामयाबी हासिल की है, वो हर युवा के लिए एक प्रेरणा है।

स्वीटी ने खेल की शुरुआत एक एथलीट के रूप में की। उन्होंने 100 मीटर दौड़ में 11.58 सेकंड का शानदार समय दर्ज किया। उनकी रफ्तार ही उनकी असली पहचान बन गई। लेकिन उन्होंने सिर्फ दौड़ना नहीं चुना, उन्होंने टक्कर देना चुना – और रग्बी को अपना जीवन बना लिया।

14 साल की उम्र में रग्बी खेलना शुरू किया, और केवल तीन वर्षों में उन्होंने भारत की राष्ट्रीय U17 टीम में जगह बना ली।

उनकी मेहनत और जज्बे ने उन्हें कम उम्र में ही चैंपियन बना दिया।

अब तक स्वीटी कुमारी बिहार के लिए 3 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

हाल ही में उन्होंने सीनियर रग्बी फुटबॉल में कांस्य पदक हासिल कर एक बार फिर बिहार का नाम ऊँचा किया।

2019 उनके करियर का सुनहरा साल रहा। उन्हें महिला रग्बी की आधिकारिक वेबसाइट ने “इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द ईयर” के सम्मान से नवाजा।

इसी साल एशिया रग्बी महिला चैंपियनशिप में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।

एशिया रग्बी ने उन्हें महाद्वीप की सबसे तेज महिला खिलाड़ी घोषित किया – जो उनकी रफ्तार और मेहनत का सबसे बड़ा प्रमाण है।

लेकिन किसी भी खिलाड़ी के सफर में एक मजबूत कंधा ज़रूरी होता है – वो जो बिना शोर के साथ दे, रास्ता दिखाए और जरूरत पड़ने पर पीछे से धक्का भी दे।

करनवीर यादव उर्फ लल्लू मुखिया जी ऐसे ही एक सच्चे जनसेवक हैं।

बिहार की मिट्टी में जो भी टैलेंट पनपता है, उसे मंच, संसाधन और सम्मान दिलाने में उनका योगदान अतुलनीय है।

वे उन चंद लोगों में हैं जो युवाओं के सपनों को अपना सपना मानते हैं। 

देश धर्म पर मिटने वाला, 

शेर शिवा का छावा था।

एक ही शंभू राजा था।

महापराक्रमी परमप्रतापी, 

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