राजस्थान के कोटा की प्रेरणा सिंह की कहानी संघर्ष और सफलता की ऐसी मिसाल है, जो लाखों छात्रों को प्रेरित करती है। NEET 2023 की तैयारी के दौरान प्रेरणा के सामने असहनीय चुनौतियां थीं। 2018 में उनके पिता बृजराज सिंह, जो ऑटोरिक्शा चालक थे, की कैंसर से मृत्यु हो गई। परिवार पर 27 लाख रुपये का कर्ज था, और मां की 500 रुपये मासिक पेंशन ही एकमात्र सहारा थी। आर्थिक तंगी ऐसी कि प्रेरणा को कई बार दिन में सिर्फ एक रोटी और चटनी पर गुजारा करना पड़ा।

घर छोड़ने की नौबत आई, कोविड-19 ने मुश्किलें बढ़ाईं, फिर भी प्रेरणा ने हार नहीं मानी। रिश्तेदारों की मामूली मदद और अपनी मेहनत से उन्होंने 12 घंटे रोज पढ़ाई की। साइकिल या पैदल कोचिंग जाने वाली प्रेरणा ने पहले ही प्रयास में NEET 2023 में 720 में से 686 अंक हासिल किए और ऑल इंडिया रैंक 1033 प्राप्त की। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल पिता का डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया, बल्कि यह साबित किया कि दृढ़ निश्चय के आगे कोई बाधा नहीं टिकती।
प्रेरणा की कहानी बताती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी मेहनत और आत्मविश्वास से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। आज वे MBBS की पढ़ाई कर रही हैं और भविष्य में गरीब मरीजों की सेवा करना चाहती हैं। उनकी यह यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किलों के बीच अपने सपनों को सच करने की राह पर है।