जिला पोषण समिति-सह-पोषण पखवाड़ा से संबंधित बैठक जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में की गई। 

सुरेश प्रसाद आजाद

नवादा, 22 अप्रैल 2025 । 

जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में जिला अभिसरण कार्य योजना/जिला पोषण समिति-सह-पोषण पखवाड़ा से संबंधित बैठक आयोजित की गई। सर्वप्रथम डीपीओ आईसीडीएस द्वारा पीपीटी के माध्यम से 0 से 06 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं से संबंधित आंकड़ों से जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया। जिला पदाधिकारी ने सभी सीडीपीओ से कुपोषित एवं अतिकुपोषित की पहचान से संबंधित आंकड़ों के संबंध में पृच्छा की, तो सीडीपीओ द्वारा बताया गया कि उपकरणों की उपलब्धता नहीं होने के कारण गुणवत्ता के साथ बच्चों की पहचान शत-प्रतिशत नहीं हो पा रही है। जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि जिस आंगनबाड़ी केंद्र में उपकरणों की कमी है, वे पास के आंगनबाड़ी केंद्र से उपकरण प्राप्त कर कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की शत-प्रतिशत पहचान करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया गया कि सभी HWC (Health & Wellness Center) एवं HSC (Health Sub Center) संस्था से समन्वय स्थापित कर उपकरणों की उपलब्धता कराते हुए अतिकुपोषित बच्चों की पहचान करना सुनिश्चित करेंगे। 

  इस संबंध में उन्होंने डीपीओ आईसीडीएस को निर्देश दिया कि कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की पहचान करने हेतु सर्वे कराएं एवं सर्वे कराकर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट तैयार करें। रिपोर्ट के आधार पर कुपोषित बच्चों (06 से 59 माह आयु वर्ग) की प्रबंधन प्रक्रिया के चरण शुरू करें, जिसके अंतर्गत चरण 01 में वृद्धि निगरानी (शरीर का वजन तथा लंबाई/ऊंचाई) और दोनों पैरों में सूजन की जांच, चरण 02 में भूख की जांच, चरण 03 में स्वास्थ्य की जांच (चिकित्सीय जटिलता की पहचान), चरण 04 में बाल संवर्धन कार्यक्रम में बच्चे का नामांकन कराना/एनआरसी रेफरल, चरण 05 में कुपोषित बच्चों के लिए पोषण प्रबंधन, चरण 06 में कुपोषित बच्चों का चिकित्सीय प्रबंधन, चरण 07 में पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता व्यवहारों के लिए परामर्श, चरण 08 में बाल संवर्धन कार्यक्रम के दौरान पोषण एवं स्वास्थ्य की निगरानी, चरण 09 में बाल संवर्धन कार्यक्रम से डिस्चार्ज के मापदंड, चरण 10 डिस्चार्ज के उपरांत फॉलोअप करना। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि कुपोषित बच्चों के बेहतर प्रबंधन के लिए कॉल सेंटर स्थापित कर बच्चों के अभिभावक को परामर्श देना सुनिश्चित करें।

जिला पदाधिकारी द्वारा नवजात शिशु व गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में वृद्धि करने का निर्देश सभी सीडीपीओ को दिया गया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र पर जागरूकता से संबंधित कार्यक्रम यथा अन्नप्राशन एवं गोद भराई जैसे कार्यक्रम में पुरुष की सहभागिता सुनिश्चित कराएं। साथ ही परिवार के सदस्यों विशेषकर पुरुष सदस्यों में यह जागरूकता लाना कि वे अपने घर में यह सुनिश्चित करें कि पहला निवाला गर्भवती महिला को मिले। गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहित करना कि वो समयानुसार भोजन करें ताकि उनके और उनके आने वाला बच्चा स्वस्थ रहे। बच्चा होने के बाद 06 माह तक केवल मां का दूध ही दें। सातवें माह से मां के दूध के साथ विविधता से भरा ऊपरी आहार देना अति आवश्यक है, क्योंकि सातवें माह से मां का दूध शिशु के उचित पोषण के लिए पूरा नहीं हो पाता है। इसके साथ ही दो वर्ष तक बच्चे को प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ एवं चीनी से दूर रखें। उन्होंने कहा कि इन सब के अतिरिक्त सबसे महत्वपूर्ण है – स्वच्छता। बच्चे की बेहतर विकास के लिए घर एवं घर के आसपास साफ-सफाई अति आवश्यक है। इस संदर्भ में विशेष जागरूकता की आवश्यकता है। अतः सभी सेविका/सहायिका, सीडीपीओ अपने स्तर से जागरूकता लाएं।

 उक्त  बैठक में उप विकास आयुक्त नवादा, सिविल सर्जन नवादा, डीपीओ आईसीडीएस, प्रभारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी के साथ-साथ अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी प्रखंड समन्वयक, जिला प्रबंधक पिरामल, जिला परियोजना सहायक, पोषण अभियान आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *