किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे: हैदराबाद के जंगलों की चीख -डॉ सत्यवान सौरभ

किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे: हैदराबाद के जंगलों की चीख खजागुड़ा जैसे जंगलों को शहरीकरण के नाम पर नष्ट किया जा रहा है, जिससे न केवल पेड़,…

जंगल उजड़ते रहे और हिरण मरते रहे, पर मुक़दमा किस पर चले?-प्रियंका सौरभ

जंगल उजड़ते रहे और हिरण मरते रहे, पर मुक़दमा किस पर चले? भारत में पर्यावरणीय न्याय के दोहरे मापदंड है। एक ओर, अभिनेता सलमान खान पर एक हिरण के शिकार…

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के तीन वर्षों का सफर

 (सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स)  पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर उसके द्वारा अलग-अलग  क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां के जो दावे किए हैं उसके बारे…

महाराष्ट्र में फिर सक्रिय हो रहे हैं राज ठाकरे

  (डॉ.मुकेश  ‘कबीर’-विनायक फीचर्स)  गुड़ी पड़वा पर राज ठाकरे की विशाल सभा और उनके भाषण की चर्चा पूरे महाराष्ट्र में हो रही है,उनकी सभा को बहुत सफल बताया जा रहा है…

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लेखक की स्वतंत्रता बनाम संपादकीय नीति: बहस के नए आयाम -डॉ. सत्यवान सौरभ

लेखक की स्वतंत्रता बनाम संपादकीय नीति: बहस के नए आयाम संपादक आमतौर पर अनूठी और मौलिक रचनाएँ चाहते हैं ताकि उनकी पत्रिका की विशिष्टता बनी रहे। दूसरी ओर, लेखकों को…

टैरिफ और वैश्विक व्यापार में परिवर्तन -प्रियंका सौरभ

टैरिफ, यानी व्यापार शुल्क, वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण आर्थिक उपकरण है। हाल के वर्षों में, विशेष रूप से ट्रम्प प्रशासन के दौरान, अमेरिका और कई अन्य…

अश्लील और कानफोड़ू गानों से करें परहेज। -सत्यवान सौरभ

अश्लील और कानफोड़ू गानों से करें परहेज।  शादी एक पवित्र और भावनात्मक अवसर होती है, जिसमें दो परिवारों का मिलन होता है। इस अवसर पर संगीत का चयन केवल मनोरंजन…

“भ्रष्टाचार पर लगाम और पारदर्शिता की नई पहल” – प्रियंका सौरभ

“भ्रष्टाचार पर लगाम और पारदर्शिता की नई पहल” वक्फ संशोधन बिल 2024: पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर एक क्रांतिकारी कदम वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पारित हुआ, जिसका उद्देश्य…

‘बिन तेरे बेचैन’ – हरियाणवी सिनेमा में प्रेम, जुनून और मानसिक उथल-पुथल की अनोखी कहानी -सत्यवान सौरभ

‘बिन तेरे बेचैन’ – हरियाणवी सिनेमा में प्रेम, जुनून और मानसिक उथल-पुथल की अनोखी कहानी यह फिल्म हरियाणवी सिनेमा के बदलते परिदृश्य को दर्शाती है, जो पारंपरिक कहानियों से आगे…