प्रदेश प्रतिनिधि

पटना, (नवादा) 07 मई 2025 ।
1967 के विधानसभा चुनाव में परबत्ता सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस को हार मिली। 1964 के उप चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते एससी मिश्रा इस चुनाव में तीसरे स्थान पर चले गए। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) के टिकट पर उतरे सतीश प्रसाद सिंह को इस चुनाव में जीते। सतीश प्रसाद सिंह ने निर्दलीय एलएल मिश्रा को 13,860 वोट से हरा दिया।
जमीन का टुकड़ा बेच-बेच कर चुनाव लड़ने वाले सतीश प्रसाद सिंह को तीसरे प्रयास में मिली सफलता यहीं तक सीमित नहीं थी। आगे उनके लिए बहुत कुछ बदलने वाला था। ये बदलाव दो साल बाद आया जब 1969 में सतीश प्रसाद सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने। सतीश के मुख्यमंत्री बनने का किस्सा भी बहुत दिलचस्प है। अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी ही पार्टी से बगावत की। बगावत का चेहरा बने सतीश मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए। मुख्यमंत्री बनते ही उसी नेता के मन में आई शंका को दूर करने के लिए महज तीन दिन बाद कुर्सी से इस्तीफा दे दिया। पांच दिन भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं रह सके सतीश प्रसाद सिंह के बाद राज्य ने दो और मुख्यमंत्री और देखे। उसके बाद भी 1967 की विधानसभा का कार्यकाल पूरा भी नहीं हो सका। 1969 के अंत में ही नए सिरे से चुनाव कराने पड़े।