हर घर नल जल योजना में पूर्व कार्यपालक अभियंता द्वारा करोड़ों  का घोटाला

दिनेश कुमार अकेला

० घोटाले में नरहट पंचायत के मुखिया व उसकी पत्नी की जमानत याचिका खारिज।

 ० घोटालेबाजों पर न्यायालय ने सख्त रुख किया अख्तियार किया ,मचा हड़कम्प।

नवादा ,28 मई 2025 । 

जिले में एक बार फिर से घोटालेबाजों पर कसता हुआ नकेल दिख रहा है। वैसे तो तमाम सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार और घोटाला का खूब बोलबाला है। लूट- खसोट से अछूता कोई भी सरकारी विभाग बचा नहीं  है। तमाम सरकारी फरमान व घोषणाएं बिहार में और खासकर नवादा में टाँय-टाँय फ़ीस हो गया है। भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबा  है।

व्यवहार न्यायालय के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज धनंजय सिंह ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पूर्व कार्यपालक अभियंता चन्देश्वर राम, नरहट पंचायत मुखिया एहतेशाम कैसर उर्फ गुड्डू व उसकी पत्नी समीना प्रवीण की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। तीनों पर नल जल योजना में करोड़ों रुपये सरकारी राजस्व के घोटाले का आरोप है। मामला बेहद संगीन है।

     समाजसेवी एवं जदयू नेता मंजूर आलम ने 13 अप्रैल 2021 को नवादा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में याचिका दायर कर लोक स्वास्थ्य अभिंत्रण, नवादा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता चन्देश्वर राम व गया के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता नसीर मंजर की सांठ-गांठ से नरहट पंचायत मुखिया एहतेशाम कैसर उर्फ गुड्डू व उसकी पत्नी समीना प्रवीण द्वारा बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल-जल योजना के तहत व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये सरकारी राजस्व का घोटाला किये जाने की शिकायत की थी। 

मंजूर आलम के आवेदन व अदालत के निर्देश पर राज्य के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव नित्यानंद प्रसाद ने जिला पदाधिकारी से इस मामले में कार्रवाई को कहा था। जिला पदाधिकारी की पहल पर मामले की जांच हुई और आरोप सत्य पाया गया। 

30 अप्रैल 2024 को अदालत ने मामले को संज्ञान में लेते हुए चारों नामजद को सम्मन जारी किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए अधीक्षण अभियंता को छोड़ अन्य घोटालेबाज तीनों नामजद अभियुक्तों ने अग्रिम जमानत के लिए जिला न्यायाधीश की अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसे प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज की अदालत में इसको स्थानांतरित कर दिया गया।

 बताया जाता है कि नरहट प्रखंड के नरहट पंचायत मुखिया एहतेशाम कैसर उर्फ गुड्डू ने अपनी पत्नी समीना प्रवीण के नाम पर मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल का ठीका लिया था। इस सरकारी मद में कार्यपालक अभियंता चन्देश्वर राम की अनुशंसा और गया के अधीक्षण अभियंता नसीर मंजर की स्वीकृति से करोड़ों रुपये का भुगतान कर बंदरबाँट   कर लिया गया। बावजूद इसके हर घर नल का जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मयसर हुआ। 

       स्थानीय समाजसेवी एवं जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश महासचिव मंजूर आलम से ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की तो उन्होंने सम्बंधित विभाग से सम्पर्क कर हकीकत का पता लगाया। सच्चाई सामने आने पर मंजूर आलम ने सरकार को सूचित किया। साथ ही नवादा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नवादा की अदालत में इस बाबत एक मुकदमा दायर किया। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए सम्बंधित विभाग को जांच का आदेश दिया। जांच में आरोप सत्य पाया गया।

मिली जानकारी के अनुसार मंजूर आलम का आरोप है कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, गया क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता से जब उन्होंने इस घोटाले की शिकायत की तो उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि जहां जाना है जाओ, कुछ नहीं होगा। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसकी शिकायत की और मामला  उनके संज्ञान में आया तो पूर्व कार्यपालक अभियंता चन्देश्वर राम ने मुकद्दमा वापस लेने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिया। एक स्कॉर्पियो देने की बात कही। मंजूर आलम का आरोप है कि जब वे नहीं तैयार हुए तो एहतेशाम कैसर उर्फ गुड्डू ने उनके घर के बाहर बैठका के समीप हथियारों का जखीरा रख उन्हें फंसाने की कोशिश की। हालांकि, उसकी यह योजना काम नहीं आ सकी। पुलिस जांच में यह बात सामने आयी कि गुड्डू मुखिया ने ही हथियारों का जखीरा वहां रखवा कर मंजूर आलम को फंसाने की योजना बनायी थी। उक्त मामले में गुड्डू मुखिया जेल भी जा चुका है। फिलहाल वह जमानत पर है। अदालत द्वारा अग्रिम जमानत की याचिका रद्द किये जाने के बाद गुड्डू मुखिया के पुनः जेल जाने की संभावना बढ़ गयी है। 

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