सीपीआई (माओवादी) की ओर से शांति वार्ता की पेशकश

प्रदेश प्रतिनिधि 

पटना, 27 मई 2025 । 

जन अभियान, बिहार ने सीपीआई (माओवादी) के महासचिव कॉमरेड कम्बाला केशव राव और माओवादी कार्यकर्ताओं की सोची-समझी और बुजदिलाना हत्या की कड़ी निंदा की!

   केन्द्र की भाजपानीत सरकार ऑपरेशन कगार के तहत माओवादी कार्यकर्ताओं और आदिवासियों की गैर-न्यायिक जनसंहार में लगी हुई है, जबकि सीपीआई (माओवादी) ने राज्य के समक्ष शांति वार्ता की इच्छा जाहिर की है। 

    हाल में नारायणपुर-बीजापुर में सीपीआई (माओवादी) के महासचिव कॉमरेड केशव राव और माओवादी कार्यकर्ताओं की हत्या इसी सिलसिले की एक कड़ी है। यह एक अमानवीय फासीवादी एजेंडे की खूनी मानसिकता को पूरी तरह उजागर करता है, जो अत्यंत निंदनीय है।

  जंगलों की कॉरपोरेट लूट, जो आदिवासियों की आजीविका और जीवन के साधनों को नष्ट कर रही है, जैसे मुद्दों को सुलझाने के बजाय, इस प्रकार की गैर-न्यायिक हत्याएं घोर जनविरोधी शासन की बड़े पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हाल ही में केन्द्र सरकार ने स्टील प्लांट बनाने के लिए कॉरपोरेट को गढ़ चिरौली में 923 हेक्टेयर जंगल की जमीन और एक लाख 23 हजार पेड़ काटने की इजाजत दी है।  यह केन्द्र सरकार की कॉरपोरेट पक्षी विकास नीतियों की कलई खोल कर रख देती है।

 माओवादियों के नेतृत्व में चल रहे संघर्ष को सामाजिक-आर्थिक मुद्दा मानने के बजाय उसे जानबूझकर कानून-व्यवस्था का मामला बताकर सरकार राज्य प्रायोजित हिंसात्मक कार्रवाई के जरिए उससे निबटना चाहती है जो सरासर अन्यायपूर्ण है।

   सीपीआई (माओवादी) की ओर से शांति वार्ता की पेशकश और देश के तमाम जनपक्षधर, जनतांत्रिक एवं प्रगतिशील शक्तियों और नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा इसका समर्थन किये जाने के बावजूद केन्द्र सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं ली , उल्टे राज्य हिंसा और राज्य प्रायोजित हत्याकांड के अपने फासीवादी एजेंडे पर बढ़ती रही। 

   बिहार में कार्यरत जनतांत्रिक एवं क्रांतिकारी संगठनों का साझा मंच जन अभियान, बिहार सीपीआई (माओवादी) के महासचिव कॉमरेड कम्बाला केशव राव और अन्य 26 माओवादी कार्यकर्ताओं एवं संघर्षरत आदिवासियों की नृशंस हत्या की तीखी भर्त्सना करता है। साथ ही मांग करता है कि इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच-पड़ताल के लिए एक न्यायिक जांच कमिटी का गठन किया जाए और इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार लोगों को जनता के समक्ष  उजागर किया जाए।

नन्द किशोर सिंह – सीपीआई (एमएल),विजय कुमार चौधरी – एमसीपीआई(यू),रामवृक्ष राम – सीपीआई (एमएल) एनडी ,संजय श्याम – नागरिक अधिकार रक्षा मंच ,मणिलाल – जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी 

अजय सिन्हा – सर्वहारा जन मोर्चा 

सतीश कुमार – कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया ,बलदेव झा – जनवादी लोक मंच

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