नवादा, 01 जून 2025 ।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली का शुरुआती दौर में ही लोगों द्वारा कई तिथियों का जिक्र किया गया है । इसमें लिखा गया है कि 14 जनवरी 1945 को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान की गई थी। जबकि किसी ने कहा कि यह 1940 के बंगाल के आकाल के समय शुरुआत की गयी । जबकि इस संबंध में हरित क्रांति से पहले 1960 के दशक में की गयी।
1960 से 1970 के दशक में भारत में खाघ सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा रहा।
1980 से 1990 के दशक में पीडीएस की शुरुआत हुई।
जिसका उद्देश्य गरीबों को किफायती दर पर खाघान उपलब्ध कराना रहा ।
उक्त दशक में ही प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने एक जन सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि केन्द्र सरकार से एक रुपया जाते-जाते जमीन पर मात्र 15 पैसा पहुच पाता है।
किसी ने सच ही कहा है
ऊपर ऊपर पी जातें हैं,जो पीने वाले है।
साथ ही साथ यह स्पष्ट है कि जून 1997 को भारत सरकार ने गरीबों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीडीपी) की शुरुआत केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी के अंतर्गत शुरूआत की गयी थी। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को कुपोषण और गरीबी से बचाने के लिए आवश्यक खाद्यान्न उपलब्ध कराना था।
वर्ष 1997 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधिकारिक तौर पर सार्वभौमिक से लक्षित योजना में बदल दिया गया। जिसमें परिवारों को दो श्रेणी में विभाजित किया गया। उक्त दोनों श्रेणियों में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) किया गया था। जिसमें बीपीएल परिवार वाले लोगों के लिए प्रति माह 10 किलो ग्राम अनाज दिया जाता था। पुनः उसे संशोधित कर 35 किलोग्राम कर गया। जो केंद्र सरकार की खरीद लागत का 50% था।
हाल ही नवादा जिला प्रशासन द्वारा 26 मई 2025 को प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया। उक विज्ञप्ति के अनुसार जिले में राशन कार्ड धारी की पात्रता जांच की जाएगी । भारत सरकार के द्वारा देश भर में 36 लाख से अधिक लोगों की पहचान संदिग्ध में की गई है। जिसमें नवादा जिले में 50476 राशन कार्ड धर्रियों को संदिग्ध लाभुकों में शामिल किया गया है ।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1165 सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत 401263 लाभुकों की संख्या है। जबकि नवादा जिला पूर्व से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली संदेह के घेरे में रहा है।
इससे पूर्व जिला पदाधिकारी जसपाल मीणा द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कई दुकानों का औचक निरीक्षण करने पर 70 हजार से अधिक संदिग्ध लाभुकों की संख्या पायी गई थी। हाल ही में नवादा विधायक विभा देवी द्वारा लाभुकों को सही ढंग से ,सही मात्रा में, सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा सही समान नहीं वितरण किए जाने का आरोप लगाया गया था ।
इस संबंध जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुनील कुमार सिन्हा द्वारा खाघ एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा नवादा सदर तथा रजौली अनुमंडल को चिन्हित किए गए तथा सभी पात्रता की जांच के लिए अनुमंडल पदाधिकारी नवादा एवं अनुमंडल पदाधिकारी रजौली द्वारा संबंधित प्रखंडों के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को इसके लिए अधिकृत किया गया है।
कार्डधारकों के लिए खुशखबरी
भारत सरकार ने 2025 में राशन कार्ड धारकों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। अब सिर्फ सस्ता या मुफ्त राशन नहीं बल्कि अगले माह सेें 2025 से राशन कार्ड पर 8 नए फायदे देने का ऐलान किया गया है। इस नई योजना का लक्ष्य गरीब जरूरतमंद और मध्यम वर्ग के परिवारों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना है। राशन कार्ड अब सिर्फ पहचान पत्र या सरकारी दस्तावेज नहीं बल्कि यह आपके परिवार की स्थिति को मजबूत करने का एक साधन बन गया है। इस बार की अपडेट में सरकार राशन कार्ड के माध्यम से मिलने वाले लाभों की संख्या और दायरा दोनों बढ़ा दिए हैं । अब राशन कार्ड धारकों को हर महीने 1000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता ,फ्री हेल्थ इंश्योरेंस एलपीजी गैस, सब्सिडी, मुफ्तबस यात्रा डिजिटल राशन कार्ड ,आवास योजना में प्राथमिकता, महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और बच्चों की शिक्षा में मदद जैसे कई लाभ मिलेंगे।