भारत- पाक, चतुर्थ युद्ध ( मई 2025 ) 

डॉ बह्ममान्नद विश्वकर्मा

वाज़िब नहीं, चीलर के डर से लंगोटी ही फेंक दो। 

चलो लातों के भूत का अब पिछवाड़ा ही शेक दो।। 

कर्ज़खोर, हरामखोर, वेशर्म, बदगुमान को, 

हवा देनेवालों, उसे नसीहत भी एक दो।। 

हम किसी की नहीं खुजाते, कमजोर नहीं हम। 

बदजातों से तोड़ रिश्ता, हुक्का- पानी छेक दो।। 

मदरसों में मत पढ़ाओ, नफ़रती जिहाद का पारा। 

अपने मासूम को हथियार नहीं तालीम नेक दो।। 

दुश्मन है बड़ा प्यारा, है नींद से जगाता। 

उसे थूर-थारकर, घुटने पर टेक दो।। 

                          डॉ. ब्रह्मानन्द विश्वकर्मा

                               11मई2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *