प्रगति की समीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बैठक
नवादा, 03 जून 2025 ।

समाहरणालय के सभा कक्ष में जिलाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) अंतर्गत सूखा राशन वितरण (THR) हेतु पोषण ट्रैकर ऐप पर FRS एवं eKYC की प्रगति की समीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि कन्या उत्थान योजना, बालिका पोशाक योजना, कन्या वात्सल्य योजना सहित अन्य सरकारी योजनाओं को आधार से जोड़ा जाए ताकि पारदर्शिता बनी और लाभुकों तक योजनाओं की सुगम पहुंच सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों एवं छात्र-छात्राओं का धार पंजीकरण सुनिश्चित कराने हेतु नए केन्द्रों की स्थापना का भी निर्देश दिया।बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ से कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की पहचान की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उपकरणों की कमी के कारण कार्य में बाधा की जानकारी मिलने पर उन्होंने निर्देश दिया कि आवश्यकता अनुसार नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्रों से उपकरण प्राप्त कर शत-प्रतिशत पहचान कार्य पूरा किया जाए। साथ ही सभी HWC एवं HSC के साथ समन्वय स्थापित कर अति कुपोषित बच्चों की पहचान की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल, शौचालय, बिजली की व्यवस्था सुधारने के लिए,नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण आदि के बारे में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस से पृच्छा की गई। इसपर डीपीओ आईसीडीएस द्वारा बताया गया है कि आरआईडीएफ अंतर्गत कुल 60 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाना है, जिसके लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है तथा राशि प्राप्त होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।इसके अतिरिक्त 80 जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों को चिन्हित कर उन्हें तोड़कर नए भवन बनाने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु लगभग 200 शौचालयों का निर्माण मनरेगा से कराया जा रहा है, जिसमें से 170 में कार्य पूर्ण हो चुका है।
इसके साथ ही डीपीओ आईसीडीएस के द्वारा जानकारी दी गई कि 4th Quarter का चावल उठाव अब तक नहीं हुआ है, जिसपर जिलाधिकारी ने डीएमएसएफसी से पत्राचार कर शीघ्र चावल उठाव सुनिश्चित कराने का आदेश दिया।निरीक्षण कार्य की समीक्षा के क्रम में मेसकौर एवं नारदीगंज क्षेत्र में न्यूनतम निरीक्षण पाए जाने पर जिलाधिकारी ने मेसकौर के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा और सभी केन्द्रों के नियमित निरीक्षण का सख्त निर्देश दिया।

इसके साथ ही बैठक में जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यों की भी समीक्षा की गई। सहायक निदेशक ने बताया कि 0-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की सुरक्षा, देखभाल, कल्याण एवं अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अनाथ, बेसहारा, विधि विवादित बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने हेतु विभिन्न संस्थागत एवं गैर-संस्थागत योजनाएं संचालित हैं।दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में जिले में अब तक 361 बैट्री चालित ट्राईसाइकिलों का वितरण किया गया है। साथ ही अब तक 12,993 दिव्यांगजनों का Unique Disability Identity (UDID) कार्ड बनाया गया है, जो पूरे देश में कल्याणकारी योजनाओं हेतु मान्य एकल दस्तावेज है।
बैठक में उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रियंका रानी, सहायक निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कोषांग पदाधिकारी डॉ. राजकुमार सिंहा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस श्रीमती निरूपमा शंकर, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाएं उपस्थित रहीं।