प्रस्तुति -सुरेश प्रसाद आजाद
(कुमार कृष्णन -विभूति फीचर्स)

बिहार के मुंगेर का जमालपुर रेल नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। यहां के औद्योगिक परिदृश्य में एक समय ऐसा भी था कि इस क्षेत्र को बंगाल के बर्मिंघम (इंग्लैंड में उद्योगों के लिए मशहूर शहर) के रूप में जाना जाता था। यह बात बिहार-बंगाल विभाजन से पहले की है। एशिया का सबसे बड़ा रेलवे वर्कशॉप (जमालपुर रेल कारखाना) भी इस शहर के औद्योगिक रूप से मजबूत होने की कहानी बयां करता है। अंग्रेजों ने देश में पहली रेल लोकोमोटिव कार्यशाला खोलने के लिए मुंगेर जिले के जमालपुर को चुना क्योंकि यहां दक्ष कारीगर थे। इस कारखाने में काम करने पूरे देश से लोग आए और खास मिश्रित संस्कृति के आधार पर जमालपुर विकसित हुआ।

इतिहासकार मानते हैं कि जमालपुर का वजूद पहले भी रहा होगा, लेकिन आधुनिक शहर के रूप में जमालपुर की शुरुआत कारखाने के साथ ही हुई। ईस्ट कॉलोनी के रूप में रेलवे के अंग्रेज साहबों के लिए यूरोपीय मानक के साथ शहर बसाया गया। यह जिले के गजेटियर में दर्ज है। रेलवे लाइन की दूसरी तरफ मजदूरों और छोटे बाबुओं के लिए रामपुर कॉलोनी, दौलतपुर कालोनी बसाई गई। जमालपुर कारखाना मुंगेर की अर्थव्यवस्था का आधार है। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने जमालपुर कारखाना के विकास के लिए ₹78.96 करोड़ की नई सौगात के रूप में, जमालपुर कारखाना में वैगन पीओएच क्षमता वृद्धि परियोजना की आधारशिला रखी। केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह , बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा के साथ श्री वैष्णव ने वैगन निर्माण शॉप और क्रेन शॉप जैसी विभिन्न शॉपों का निरीक्षण किया। वैगन निर्माण शॉप में रेल मंत्री ने जमालपुर वर्कशॉप में निर्मित बॉक्सन वैगन, बीएलसीएस वैगन और शौचालय युक्त ब्रेक वैन का भी निरीक्षण किया। क्रेन शॉप में मंत्री ने नव निर्मित 140 टन क्रेन, 8-व्हीलर टावर कार और जमालपुर जैक का निरीक्षण किया जो इस कारखाने की विशेष पहचान हैं। केंद्रीय रेल मंत्री ने इरिमी जमालपुर का दौरा किया जहां उन्होंने वेल्डिंग, न्यूमेटिक्स, हाइड्रोलिक्स और मेक्ट्रोनिक्स जैसी इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत विकास योजना वाली “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” नामक एक पुस्तिका का विमोचन किया। इस पुस्तक में इन चार विषयों पर कार्ययोजनाएँ शामिल हैं, ताकि , जमालपुर में इंजीनियरों के लिए इस प्रतिष्ठित प्रशिक्षण केंद्र में बुनियादी ढाँचा, प्रशिक्षण सुविधा विकसित की जा सके। इस प्रयास में पूरे क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ रुपये की निवेश योजना शामिल है।
वैगन, क्रेन और जमालपुर जैक जैसे उपकरणों के निर्माण का लक्ष्य लगातार बढ़ाया गया है, और साथ ही अवसंरचना को भी मजबूत किया गया है। किंतु वर्तमान सरकार की सोच इससे कहीं आगे है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अंतर्गत बिहार में रेलवे के बजटीय आवंटन में लगभग ₹1000 करोड़ (एक दशक पूर्व) से बढ़ाकर अब ₹10,000 करोड़ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त बिहार के विकास हेतु 98 स्टेशनों के पुनर्विकास सहित ₹1,00,000 करोड़ की रेलवे परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।

रेल मंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में बिहार में 1832 किमी नई पटरियां बिछाई गई हैं और पूरे भारत में 34000 किमी रेलवे ट्रैक बिछाए गए। इसके अलावा, 50,000 किमी से अधिक मार्गों का विद्युतीकरण किया गया है जिससे तेल आयात पर निर्भरता घटी है। प्रधानमंत्री की बिहार के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पहली वंदे भारत ट्रेन भागलपुर से और पहली नमो भारत ट्रेन जयनगर से चलाई गई। ये सभी प्रयास बिहार में समृद्ध सामाजिक-आर्थिक स्थिति लाने की दिशा में किए गए हैं।

केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रेल मंत्री की सूक्ष्म स्तर पर सोच और समग्र विकास की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना की।
जमालपुर रेल इंजन कारखाना में वैगन पीओएच वृद्धि के लिए 545 से 800 वैगन प्रति माह की परियोजना की आधारशिला रखने के साथ ही वैगन ओवरहालिंग क्षमता में प्रति माह 255 यूनिट से अधिक की वृद्धि होगी। इस क्षमता वृद्धि परियोजना को लगभग 79 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित किया जाएगा। इससे टर्न अराउंड टाइम में सुधार होगा, वैगन की उपलब्धता बढ़ेगी और परिचालन में सुधार होगा।
केंद्रीय रेल मंत्री श्री वैष्णव ने निरीक्षण के दौरान कारखाने के कर्मठ कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना । रेल मंत्री ने आश्वासन दिया कि कर्मियों की हर समस्या का समाधान किया जाएगा और उनके हितों की रक्षा की जाएगी।
आगामी समय में जमालपुर रेल कारखाना को और अधिक अत्याधुनिक बनाया जाएगा, जिससे न केवल रेल संचालन को सहायता मिलेगी बल्कि बिहारवासियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। रेलमंत्री का बिहार दौरा इस साल होने वाले चुनाव में सबसे पहले एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है। (विभूति फीचर्स)