(सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स)

भारत पाकिस्तान तनाव के बीच पानी की चर्चा भी जोरों पर है। पाकिस्तानी आंकड़ों के अनुसार जिस समय कसूर लाहौर की तहसील थी उस समय 25 चमड़े की फैक्ट्रियां चल रही थी, अब कसूर जिला बन चुका है और तेजी से उसका विकास हो रहा है । भगवान राम के पुत्र कुश के नाम से बसे जिले कसूर में चमड़ा उद्योग बड़ी तेजी से फैल रहा है और इस समय 140 चमड़े की छोटी बड़ी फैक्ट्रियां काम कर रही है। कसूर की चमड़ा फैक्ट्रियों का दूषित पानी सीधा सतलुज दरिया में डाला जाता है जो आगे चलकर सारे सतलुज के पानी को प्रदूषित कर देता है। फिरोजपुर की स्ट्रीमलाइन वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष दीवान चंद का कहना है कि हिंद पाक सीमा से सटे अधिकतर गांवों के लोग यही जहरीला पानी पी रहे हैं , जिसके कारण वह कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हैं। जहरीला पानी पीने से बच्चे दिव्यांग पैदा हो रहे हैं और जवान लोगों को कैंसर की बीमारी ने घेर रखा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चमड़े को साफ करने के लिए एसीटिक एनहाइड्राइट रसायन का प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ही जहरीला पदार्थ है। चमड़े को साफ करने के बाद यही रसायन मिला पानी बिना साफ किए सीधे ही सतलुज नदी में बहा दिया जाता है। आंकड़ों के अनुसार 2024 में सतलुज के किनारे के अधिकतर लोगों की मौत कैंसर से हुई है , सोसाइटी के कुछ सदस्यों ने सतलुज के किनारे बसे लोगों का दुख दर्द जानने के लिए गांवों का दौरा किया। गांव तेज रोहिला में अधिकतर बच्चे दिव्यांग है । गांव के लोगों ने बताया कि पाकिस्तान से आने वाले दूषित पानी से न केवल लोग बीमार हो रहे हैं बल्कि हमारी फसलें भी प्रभावित होती है पशु पक्षियों को भी समस्या आ रही है।
चमड़ी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गुरिंदर सिंह ढिल्लों का कहना है कि रसायन युक्त पानी के कारण गांवों में चमड़ी के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यद्यपि स्वयंसेवी संगठन समय-समय पर सीमावर्ती गांवों में मेडिकल कैम्प आयोजित करते रहते है।
सिविल सर्जन के रिकॉर्ड से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सीमा पर सटे गांवों के 70 से 80 बच्चों के हैंडिकैप सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं और 37 लोग अलग अलग जगह पर अपना कैंसर का इलाज करवा रहे हैं।
60 वर्षीय कुलदीप सिंह ने बताया कि हमारे गांव की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है , हमारे बच्चों के रिश्ते नहीं हो रहे ,कोई भी हमारे बच्चों से रिश्ते नहीं कर रहे। गुलाब सिंह ने बताया कि उसकी शादी को 6 वर्ष हुए हैं उनके दो बच्चे हैं दोनों ही हैंडीकैप है । गांववासियों ने बताया कि हमें कई बीमारियों ने घेरा हुआ है,हमारे घरों में नलकूप लगे हैं उसमें भी जहरीला पानी आ रहा है। सतलुज की सीमा पर अधिकतर गांव फिरोजपुर एवं फाजिल्का के ही है। दूसरी तरफ विभाग की तरफ से भी एडवाइजरी जारी की गई है कि सतलुज का पानी पीने योग्य नहीं है।
कसूर की चमड़ा फैक्ट्रियों से आ रहा दूषित पानी फसलों को भी दूषित कर रहा है। यह दूषित पानी लोगों को कैंसर, हेपेटाइटिस -बी , गर्भपात, हड्डी रोग ,चमड़ी रोग जैसी बीमारियों को बड़े पैमाने पर फैला रहा है। इस पानी में हैवीमैटर अधिक है और पानी में नाइट्रेट की मात्रा अधिकतर पाई जा रही है ,जो कई बीमारियों का कारण बनती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सतलुज में जहरीला पानी छोड़ने के कारण पिछले दिनों में भारी मात्रा में मछलियों की मौत की घटनाएं भी सामने आ चुकी है।पाकिस्तान की चमड़ा फैक्ट्रियों में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर दूषित पानी छोड़ा जा रहा है वह अवश्य खतरे की घंटी है। पिछले दिनों पंजाब सरकार के मंत्री जिंपा ने बयान दिया था कि शीघ्र ही यह समस्या पाकिस्तान सरकार के साथ मिलकर हल करवाई जाएगी, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के कारण यह समस्या अधूरी रह गई है।
गट्टी मस्ते की रहने वाली कुसुम बाई का कहना है कि हम नर्क में रह रहे हैं , हम अपनी जमीनों को नहीं छोड़ सकते, पिछले 78 वर्ष में सरकारों ने हमारे लोगों के लिए कोई काम नहीं किया। देखने में आया है कि इन गांवों में बसे लोगों के बच्चों में हृदय की बीमारियां भी फैल रही है। सीमा पर रहने वाले कश्मीरा सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार सीमा पर बसे गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती हैं लेकिन ना हमें स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है ना ही स्वच्छ पानी। दूषित पानी की मार के कारण हमारी उपजाऊ भूमि बंजर बनती जा रही है। पंजाब और केंद्र की सरकारों ने इस समस्या के हल के लिए कोई समाधान निकालने की कोशिश ही नहीं की ना ही पाकिस्तान सरकार से इस समस्या को लेकर अभी तक बातचीत के कोई कदम उठाए गए हैं।
45 वर्षीय भजन सिंह दर्जी का कहना है कि मैं खुद दिव्यांग हूं, कुछ समय पहले मैंने नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र के सामने भी यह मुद्दा उठाया था लेकिन कोई हल नहीं निकला।
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के जल संसाधन मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा ने कहा था कि शीघ्र ही नया प्रोजेक्ट तैयार करेंगे, लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के पश्चात क्षेत्र के लोगों की सुनवाई नहीं हुई है।
कैंसर के कारण प्रति वर्ष मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद सोई हुई है। श्री दीवान चंद अध्यक्ष स्ट्रीमलाइन सोसाइटी ने कहा कि शीघ्र ही लोगों को दूषित पानी से मुक्ति दिलाने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जाएगा ताकि दोनों देशों के बीच इस समस्या के हल के लिए कमेटी का गठन किया जाए। लेकिन दोनों देशों के बीच बढ़ती हुई दूरियों को देखते हुए गांव के लोगों को फिलहाल इस समस्या का समाधान दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा है। (विनायक फीचर्स)