दिनेश कुमार अकेला
नवादा ,09 जून 2025 ।

गर्मी आरंभ होने के पूर्व जिले में पेयजल समस्या दूर करने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो जाता है।फिर निर्देश के साथ समस्या समाधान के दावे किए जाते हैं,लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाता। जिले के पहाड़ी व जंगली क्षेत्रों के लोगों को पेयजल समस्या की गंभीर समस्या से पहले भी जूझना पड़ रहा है और आज भी जूझना पड़ रहा है। गरीब समस्याओं के जाल में कैद होकर भीतर-भीतर काफी सिसकन और चिंतन के साथ घुटन की जिंदगी जीने को विवश हैं।

बताया जाता है कि जिले के उग्रवाद से प्रभावित रजौली का है । एक तरफ हर-घर नल का जल देने के दावे हैं तो दूसरी तरफ रजौली के कुछ इलाकों में प्यासे रहने की नौबत है। यह कैसी अमानवीय विडम्बना है ? प्रखंड के हरदिया पंचायत की सुदूरवर्ती गांव गोहियाडीह में पानी के लिए हाहाकार मचा है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
पहाड़ से रिसकर निकलने वाले पानी को गड्ढे में संग्रहीत कर भोजन व पीने के लिए पानी का जुगाड़ करने पर ग्रामीणों को विवश होना पड़ रहा है। नल का जल योजना इनके लिए तो मात्र दिवास्वप्न या लोहे की चना चवाने से कम नहीं है ।
इस प्रकार की समस्या एकमात्र गोहियाडीह का सिर्फ नहीं,बल्कि कौआकोल, मेसकौर, गोविंदपुर, रजौली व सिरदला प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों की है,जो जगजाहिर है।