सुरेश प्रसाद आजाद

जिला पदाधिकारी नवादा श्री प्रशांत कुमार सी.एच. ने आम जनता से अग्नि सुरक्षा के लिए निर्धारित मापदंडों का पालन करने का आह्वान किये हैं। जिले वासियों के नाम एक संदेश में उन्होंने कहा है कि ग्रीष्म काल में विभिन्न क्षेत्रों में अग्निकांड की संभावना काफी बढ़ जाती है। आग की छोटी सी चिंनगारी भी एक क्षण में ही अनियंत्रित होकर बड़ी आग में परिवर्तित होकर जान माल की काफी हानि कर जाती है। अतः हर व्यक्ति के स्तर पर अपेक्षित सर्तकता आवश्यक है। अग्निकांड की आपदा से बचाव के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अनुपालन करना जरूरी है।
दिनांक 28.05.2024 तक जिले में सभी अंचल अन्तर्गत अग्निकांड से संबंधित प्रतिवेदन निम्नवत है ।
कुल अभिलेख-96, अस्वीकृत-23, अनुमंडल भेजे गए अभिलेखों की संख्या-71, अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा स्वीकृत अभिलेखों की संख्या-71, स्वीकृति उपरांत भुगतान-69 है। नारदीगंज अंचल के दो लाभुकों द्वारा वांछित दस्तावेज जमा नहीं किया गया है। कौआकोल में 01 लाभुक का भुगतान प्रक्रिया में है।
जिला पदाधिकारी द्वारा अग्निकांड से संबंधित प्रक्रिया को प्रत्येक दूसरे दिन समीक्षा की जाती है। परिणाम स्वरूप एक माह के अंतराल में सभी लाभुकों को भुगतान कर दिया गया है तथा लाभुक के खाते में राशि अंतरित कर दिया गया है।
अग्नि से संबंधित निम्न बातों पर ध्यान देना आवश्यक है ।
रसोई घर को यथासंभव अग्निरोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दें। फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगायें। देहाती क्षेत्रों में खास कर फूस के मकानों के निवासी खाना सुबह 08ः00 बजे से पहले और शाम 05ः00 से 06ः00 बजे के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें। दीप, लालटेन, ढ़िबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें। रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ न रखें, जैसे-मिट्टी तेल, सिन्थेटिक कपड़े इत्यादि। ढ़ीले और सिंथेटिक कपड़े न पहनें और बालों को खुला न रखें। रसोई घर से बच्चों को दूर रखें। तेज हवा में खुली जगह पर खाना न पकाएं, यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें। किसी भी जलते पदार्थ को बुझाकर हीं सोयंे। घर में हमेशा पदार्थ जैसे कि पानी, बालू, सूखी मिट्टी, धूल आदि जमा कर रखें। हरे पेड़ जैसे केला में अग्निताप को कम करने की क्षमता होती है, इसे अपने घर के चारों तरफ लगाएं। सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए। सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नम्बर-101 अपने पास अवश्य रखें। जलते हुए बीड़ी, सिगरेट और माचिस की काटी खेत खलिहान में न फेकें। आग बुझाने के लिए पानी, बालू, सूखी मिट्टी/धूल का प्रयोग करें। एक बड़े ड्रम में दो सौ लीटर पानी हमेशा भर कर रखें। कुछ छोटी बाल्टी में रेत या बालू भी रखें। एक दो जूट की पुरानी बोरी को पानी में भीगो कर रखें। रोशनी के लिए बैट्री वाले संयंत्र जैसे टॉर्च, ईमर्जेंसी लाईट आदि का ही प्रयोग करें। कई बार खलिहान में पूजा की जाती है, पूजा में उपयोग वाले अगरबत्ती, धूप आदि पर तब तक नजर रखें जबतक कि वह पूरी तरह से बुझ न जाये। यदि आस-पास तालाब या कोई अन्य जलश्रोत हो तो वहां से खलिहान तक का पाईप (सिंचाई में उपयोग आने वाला पाईप) और पम्पसेट तैयार रखें। रबि फसल के कटाई के दौरान अवशेष फसलों को खेतों में नहीं जलायें। इससे वायु प्रदूषण और दूसरे खेतों में आग का बिकराल रूप बनने की संभावना होती है। इससे जान-माल की काफी हानि हो सकती है।
क्या न करें ।
थ्रेसर चलाने में उपयोग आने वाले डीजल, ईंजन या ट्रैक्टर के धुंआ वाले पाईप से हवा की दिशा में अनाज का बोझा नहीं रखें। बिजली की तार के किसी भी जोर को ढ़ीला या खुला न छोड़ें। बिजली के जोर को कभी भी प्लास्टिक से न बॉधे। बिजली के कनेक्शन के लिए कम या खराब गुणवत्ता वाले तार का प्रयोग न करें। खलिहान के आस-पास बीड़ी, सिगरेट न पीयें न किसी को पीने दें।
आग लगने पर इन नम्बरों पर कॉल कर सकते हैं:-
1. अग्निशामालय नवादा- 06324-212586, मो0 नं0-7485805890, 7485805891
2. अग्निशामालय रजौली -785805892, 7485805893
3. वारिसलीगंज थाना – 9693565859
4. हिसुआ थाना – 6201413711
5. सिरदला थाना – 6200602476
6. नारदीगंज थाना – 9472519894
7. रोह थाना – 7250407072
8. कौआकोल थाना – 8271737675
9. अकबरपुर थाना – 9304868200
10. गोविन्दपुर थाना – 7488228091
