वारिसलीगंज ,(नवादा) 04 जून 2025 ।
(अभय कुमार रंजन)

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित टोलो में व्यापक पैमाने पर महुआ शराब का निर्माण किया जाता है। नाम तो महुआ शराब है लेकिन दरअसल में छोआ तथा कुछ नशीली दवाई मिला कर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन शराब का निर्माण हो रहा है। इसके लिए निर्माता बाजार में खुले आम बिकता छोआ तथा कच्ची लकड़ियां या रसोई गैस प्रत्येक दिन खरीद कर बधार में शराब निर्माण का संयंत्र स्थापित कर रखे हैं,जहां रातभर शराब निर्माण किया जाता है। वहीं नगर परिषद के कोयरी टोला,देवी स्थान के चंडाल चौक पर देसी शराब का बिक्री धड़ल्ले से हो रहा है।अब देखना है कि प्रशासन क्या कदम उठाती है।