गेहूं कटाई में मजदूरों की कमी से किसान परेशानियों से गुजर रहा है। 

०रबी फसलों पर आंधी तूफान और बारिश ने ढाया कहर

अभय कुमार रंजन 

वारिसलीगंज, (नवादा) 30 अप्रैल 2025 । 

वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र में मजदूरों की कमी से किसानों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही है।गेहूं की कटनी समय पर नहीं होने से इनकी चिंता बढ़ी हुई है।उपर से समय-समय पर प्रकृति भी इनके धैर्य की परीक्षा ले रही है।वर्षा,आंधी से इन्हें पहले ही नुकसान हो चुका है।अनेक जगहों पर अभी भी गेहूं की कटनी जारी है। मजदूरों की कमी के बीच इलाके के किसान पूरी तरह से हार्वेस्टर पर निर्भर हो चुके हैं।जबकि क्षेत्र में अभी पर्याप्त हार्वेस्टर उपलब्ध नहीं है। इससे भी किसान परेशान हैं। किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं व अन्य रबी फसलों को वर्षा एवं तूफानी हवा के कारण दुर्गति हो रही है।किसान अपनी मेहनत पूंजी से तैयार फसल को चाह कर भी घर नहीं ला पा रहे हैं। मजदूरों की कमी से खेती किसानों के लिए बोझ बनते जा रहा है।मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दो मई तक मौसम के खराब रहने की चेतावनी जारी हुई है। ऐसे में गेहूं की खड़ी फसल को व्यापक नुकसान हो रहा है। मजदूरों की कमी झेल रहे प्रखंड के किसानों को रबी फसलों की कटनी दौनी परेशानी भरा होता है। जिस कारण खेतों में पककर तैयार रबी की फसल (खासकर गेंहू) को कटनी-दौनी कर घर लाने में किसानों को पसीना छूट रहा है। गेहूं कटनी का मुख्य समय मार्च-अप्रैल होता है। परंतु मजदूरों को कमी से किसानों को हार्वेस्टर पर भरोसा करना होता है। जो कि समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता। वारिसलीगंज प्रखंड के नहरी क्षेत्र में मानसून की अंतिम वर्षा व नहर की पानी के कारण खेतों में अत्यधिक नमी से गेहूं बोआई विलंब से हुआ था। जिसकी कटनी दौनी किसानों के लिए फिलहाल सिरदर्द बन रही है।

*इलाके में जरूरत के अनुसार हार्वेस्टर की उपलब्धता नहीं*

 किसान बाहुल्य वारिसलीगंज के 16 पंचायतों एवं एक नगर परिषद के किसानों के खेतों में खड़ी खरीफ एवं रवी फसलों की कटनी दौनी के लिए क्षेत्र में पर्याप्त हार्वेस्टर की उपलब्धता नहीं है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार संपूर्ण वारिसलीगंज में एक दर्जन से कम हार्वेस्टर किसानों के पास उपलब्ध है। जिस कारण कटनी दौनी प्रभावित हो रही है। किसानों की मानें तो सरकार द्वारा कृषि संयंत्रों की खरीद पर जो सब्सिडी का प्रावधान है।उसमें हार्वेस्टर शामिल नहीं है। कृषि समन्वयक सुभाष रंजन ने बताया कि पांच वर्ष पहले से हार्वेस्टर खरीद पर सब्सिडी बंद कर दी गई है। फलतः दो दर्जन के आवश्यकता की जगह क्षेत्र में महज 10 हार्वेस्टर ही उपलब्ध है। किसानों ने सरकार से हार्वेस्टर खरीद पर सब्सिडी देने की मांग की है।

*क्या कहते हैं अधिकारी*: कंबाईन हार्वेस्टर पर फिलहाल अनुदान देने की कोई व्यवस्था नहीं है। वैसे जिले भर में 80 हार्वेस्टर उपलब्ध है। करीब इतनी ही संख्या में ही दूसरे प्रदेशों से भी हार्वेस्टर फसल कटनी के समय आते हैं। किसानों की ओर से हार्वेस्टर पर अनुदान देने की मांग को वरीय पदाधिकारियों की बैठक में रखा जाएगा।

उक्त जानकारी संतोष सुमन, जिला कृषि पदाधिकारी नवादा द्वारा दिया गया। 

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