“ऑपरेशन सिंदूर”

नाम में एक शक्ति है,

एक गर्व, एक पहचान,

मांग का सिंदूर, रक्षा का प्रण,

धधकते सूरज सा वीरता का सम्मान।

यह सिर्फ एक शब्द नहीं,

यह हृदय की ललकार है,

यह मातृभूमि की माटी में,

शौर्य का सिंदूर भरने का अधिकार है।

जब सीमाएं पुकारें,

तो यह नाम गूंजता है,

हवा में गर्जन बनकर,

शत्रु के हौसलों को कुचलता है।

यह वो पुकार है,

जो बिछुड़ते परिवारों की आँखों में,

आंसुओं के बीच मुस्कान भरती है,

यह वो शक्ति है जो बलिदान की नींव रखती है।

नाम में एक शक्ति है,

एक ज्वाला, एक अभिमान,

यह सिर्फ ‘सिंदूर’ नहीं,

यह राष्ट्र के स्वाभिमान का ऐलान है।

– प्रियंका सौरभ

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