बिहार बजट- बिहार विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. दोनों एक दूसरे का पुराना इतिहास दोहराने लगे. नतीजा रहा कि दोनों ओर से काफी देर तक निजी टीका टिप्पणी होती रही. तेजस्वी ने सत्ता पक्ष की ओर बैठे सदस्यों पर कहा कि विजय चौधरी तो कांग्रेस से आए हैं. इसी तरह सम्राट चौधरी भी हमारे यहां से भाजपा में गए. असली भाजपाई तो बस विजय सिन्हा ही हैं.
तेजस्वी के इतना कहते ही सम्राट चौधरी अपनी जगह पर खड़े हो गए और उन्होंने अपने और भाजपा के मजबूत रिश्तों पर बोलना शुरू किया. उन्होंने सफाई दी कि तेजस्वी इधर-उधर के बातें कर रहे हैं. इस पर तेजस्वी ने कहा कि आप बताएं कि आपके पिता ने नीतीश कुमार के बारे में क्या क्या नहीं कहा था. आपके पिता ने कहा था कि देश का अगर सबसे… मुख्यमंत्री है तो नीतीश कुमार हैं. सीएम नीतीश के बेटे के बारे में क्या नहीं बोला.

तेजस्वी के इन आरोपों पर सम्राट ने फिर से अपनी जगह पर खड़े होकर लालू यादव के शासनकाल में भ्रष्टाचार की बातें कहीं. उन्होंने कई प्रकार के आरोप लगाए. इस पर तेजस्वी ने कहा कि आप आखिरी बार किस दल से चुनाव जीते. उनका संकेत सम्राट चौधरी का आखिरी बार राजद के टिकट से विधानसभा चुनाव जीतना था. इन टिप्पणियों को लेकर दोनों के बीच काफी बहस हुई.

विजय सिन्हा से भिड़े
इसके पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने नोकझोंक देखने को मिली. तेजस्वी ने इस दौरान विजय सिन्हा पर सदन में झूठ नहीं बोलने और तिलक लगाकर सनातन का अपमान नहीं करने की बात की. इसके बाद दोनों के बीच नोंक-झोंक शुरू हो गई.
दरअसल, तेजस्वी ने कहा कि भाजपा बिहार में अपनी सरकार बनाना चाहती है. इसके लिए उन्होंने पिछले दिनों विजय सिन्हा द्वारा दिए गए एक बयान का हवाला दिया. इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि हमने जो बातें कहीं थी वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कही गई बातें थी. उन्होंने कहा था कि जंगलराज हटाना है बिहार में कमल खिलाना है, एनडीए की सरकार बनानी है. उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सुशासन की सरकार बनने की बात कहीं.
इस पर तेजस्वी ने कहा कि मेरे पास वीडियो है कि आपने कहा था कि बिहार में भाजपा की सरकार बनानी है. उन्होंने कहा कि आप टीका (तिलक) लगाकर झूठ बोलते हैं. यह सनातन का अपमान है. उनके इतना बोलते ही विजय सिन्हा फिर से अपनी जगह पर उठ खड़े हुए और कहा कि अगर आपको टीका से नफरत है तो टोपी पहन लीजिये. हालांकि दोनों के बीच की नोंक-झोंक में मध्यस्थता करते हुए स्पीकर नंद किशोर यादव ने तेजस्वी को अपनी बातों को आगे बढ़ाने को कहा. हालाँकि इस बीच कुछ भाजपा सदस्यों ने फिर से टोकाटाकी की तो तेजस्वी ने उन्हें भी आड़े हाथों लिया कि आप लोग मंत्री बनते बनते रह गए.
सम्राट चौधरी
० जब तेजस्वी के पिता मुखिया भी नहीं थे तब सम्राट जी के पिताजी विधायक बन चुके थे।
० 1997 में राजद का जन्म हुआ तबसे लेकर आजतक सिर्फ इन दो बार के छोड़ दें तो कभी भी परवत्ता सीट राजद आजतक नहीं जीत पाई है। दो बार जीती तो सम्राट जी के कारण ही जीती
० लालू जी को पहली दफा नितीश जी ने ही सीएम बनाया था और दूसरी दफा शकुनि बाबू ने लालू को सीएम बनाया।
०आखिरी बार RJD परबत्ता विधानसभा (खगड़िया) कब जीती??
जहाँ से तुम यह दावा करते हो कि सम्राट जी पार्टी(RJD ) की वजह से जीते थे?
➤ फैलेस्पी के दावों की सच्चाई

. राजद (RJD) की स्थापना 1997 में हुई, और तब से लेकर आज तक परबत्ता विधानसभा सीट सिर्फ दो बार—2000 और 2010—में राजद के खाते में गई।
2️⃣ लेकिन यह जीत राजद की वजह से नहीं, बल्कि @Samrat Choudhary के कारण हुई। जब तक सम्राट चौधरी राजद में थे, तब तक पार्टी को जीत मिली, लेकिन उनके जाने के बाद से आज तक राजद इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी।
3️⃣ अब सवाल यह उठता है कि यह जीत राजद की थी या सम्राट चौधरी की? अगर जीत पार्टी की वजह से होती, तो सम्राट चौधरी के जाने के बाद भी कोई राजद विधायक बनता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
4️⃣ कभी राजद का कोर वोटर परबत्ता में सम्राट चौधरी को वोट नहीं देता था, वे अपने दम पर चुनाव जीतते थे। वहाँ की जनता और जातीय गणित हमेशा से सम्राट जी के पक्ष में था,और हमेशा रहेगा।
*5️⃣ वहाँ के लोगों के लिए @Samrat Choudhary सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक विचार, एक जनसेवक और एक समर्पण का नाम हैं।
6️⃣ अब एक और सवाल—सम्राट चौधरी के बाद क्या परबत्ता से कोई राजद विधायक बना? नहीं।*
7️⃣ यही सवाल तारापुर के लिए भी उठता है— शकुनि बाबू के बाद क्या वहाँ कोई राजद विधायक बना? नहीं।
8️⃣ अगर राजद की वजह से ये नेता जीतते थे, तो फिर उनके जाने के बाद वहाँ कोई और राजद उम्मीदवार क्यों नहीं जीता?
9️⃣ इससे यह साफ हो जाता है कि जीत का आधार पार्टी नहीं, बल्कि नेता की लोकप्रियता और जनता का विश्वास था।
🔟 जो लोग फर्जी दावे कर रहे हैं, उन्हें ज़मीनी हकीकत समझ लेनी चाहिए। सिर्फ हल्ला मचाने से सच नहीं बदलता।
Er. रौशन राज कुशवाहा

(खगड़िया )—✍🏻