अपर थानाध्यक्ष समेत तीन के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद दायर ….

  ० मारपीट कर फर्जी केस में पुलिस द्वारा नाहक फंसाने का आरोप ।

डी के अकेला

नवादा, 16 मई : नवादा जिले मे आज कल पुलिस का दमन चरम पर है। एक पर एक पुलिस उत्पीड़न से सम्बन्धित मामले सामने आ रहे है । ऐसे में एक बार फिर से नक्सलवाद का पुनः उभरने का खतरा मंडराने लगा है।नक्सलवाद प्रभावित रजौली थानान्तर्गत चितरकोली और बौढी कला गांव में एक बार फिर पुलिस कहर बरपाया है।दोनों मामले में अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार और स्थानीय चौकीदारों की क्रूर भूमिका अहम बतायी जा रही है।पुलिसिया दमन चरम पर बढ जाने के चलते ही  स्वभाविक है कि अब आम लोगों का विश्वास पुलिस पर से उठते जा रहा है। ऐसे लोगों को न्यायालय का शरन मजबूर होकर लेना पङ रहा है। ताजा मसला बौढी कला गांव का है ,जहाँ चौकीदार द्वारा मुखलाल गोप के काले कारनामें का विरोध करना सन्नी कुमार को काफ़ी महंगा पङ गया। मामला 8 मई का बताया गया है। सन्नी कुमार की न केवल बुरी तरह थाना में बर्बर पिटाई की गई,बल्कि भाङे का 15 हजार रुपए भी जबर्दस्ती छीन लिया और सिरदला थानाध्यक्ष की मिलीभगत से कांड संख्या 278/24 झूठ दर्ज करवाकर न्यायिक हिरासत जेल भेज दिए।  सन्नी ने न्यायालय को प्रमाण के रूप में पिटाई से शरीर पर लगे गम्भीर चोट की निशानियों के फोटोग्राफ को न्यायालय में उपलब्ध कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

 इस सन्दर्भ में सीजेएम न्यायालय नवादा में परिवाद संख्या 520/24 दर्ज करा न्याय की गुहार लगाई गई है।

आरोप है कि सन्नी गांव के ही हरि कुमार का पिक-अप वाहन चलाता है।08 मई को देर रात में पिक-अप लेकर आया और हरि के घर के सामने लगाया ही था कि चौकीदार हरि का ही नीजि गोतिया है जो सन्नी को गाली-गलौज शुरू कर दिया। विरोध करने पर अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार को सूचित कर दिया। बस कहना क्या था कि तामझाम में 

सूचना के आलोक में पूर्व नियोजित शाजिस के तहत अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार अपने वाहन व नीजि चालक ढाव गांव के उमेश प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार के साथ आये और ग्रामीण से बिना कुछ पूछताछ किये  जबर्दस्ती सन्नी को अपने वाहन पर बैठाकर थाना लेआये। थाना परिसर के बाहर थानाध्यक्ष, चौकीदार व ड्राइवर तीनो मिल कर बर्बर पिटाई करने लगे।इस क्रम में भाङा के 15 हजार रुपए जबरन छीन लिया। तथा सुबह सिरदला थानाध्यक्ष के नापाक मिलीभगत से सिरदला थाना पहुंचा दिया। जहा झूठे कस दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सनद रहे कि इसके पूर्व उन्होंने चितरकोली में एक महिला चौकीदार  के पुत्र के इशारे पर घर में घुसकर मारपीट कर सामानों को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया था।उक्त घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो समेत खबरों का प्रकाशन के बावजूद वरीय  अधिकारियों द्वारा  संगयान नहीं लिए जाने के कारण ही पुलिस का मनोबल  लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में तो अब न्यायालय ही एक मात्र सहारा बच गया है। इतना ही नहीं, बल्कि जिले के एक वरिष्ठ चर्चित पत्रकार  भैया जी को भी रजौली पुलिस ने पुलिस ज्यादती के खिलाफ समाचार प्रकाशित करने के आरोप में फर्जी मुकदमा दर्ज कर काफी प्रताडित किया था ,जो मामला अभी बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में चल रहा है।

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