बालू माफिया व भ्रष्ट प्रशासन की गठजोड़ से बालू  घाटों पर हंगामा।   

दिनेश कुमार अकेला

० ग्रामीणों को प्रलोभन देकर हंगामा के बहाने बालू घाट एक-एक कर किया जा रहा बंद।

नवादा ,01 जून  2025 । 

जिले के सरकारी बालू घाटों पर बालू माफिया व भ्रष्ट अधिकारी की सांठगांठ से जगह- जगह ग्रामीणों द्वारा हंगामा खड़ा करवाया जा रहा है। ऐसे में एक – एककर बालू घाटों के अभिकर्ताओं द्वारा बालू घाटों को बंद किया जाने लगा है। इसके बावजूद भी बंद बालू घाटों से बालू का उठाव माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है।

ऐसे में यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या इसके पीछे बालू  माफियाओं व प्रशासन की मिलीभगत तो नहीं?

     सर्वविदित है कि जिले में बालू माफियाओं का साम्राज्य है। यह साम्राज्य किसी और ने नहीं बल्कि प्रशासन द्वारा संपोषित है। अबतक बालू घाटों पर हंगामा कायम करवाने में इनकी भूमिका संदिग्ध के साथ ही जाँच का एक गंभीर विषय है। ग्रामीणों को प्रलोभन देकर जमा करा हंगामा बरपाया जा रहा है, ताकि संवेदक व उनके कर्मी खुद बालू घाट बंद करने पर विवश हो जाय और उसकी मनमानी और लूट का बाजार बेरोकटोक चल सके।

ताज़ा मामला गोविंदपुर प्रखंड क्षेत्र के सरकंडा का है।जहां ग्रामीणों द्वारा बालू खनन का विरोध किया गया। विरोध के पीछे कोई और नहीं,बल्कि स्थानीय बालू माफियाओं का ही वरदहस्त प्राप्त है। सूत्रों का मानना है कि एक पूर्व मुखिया सह बालू माफियाओं ने न केवल विरोध का रास्ता अपनाया,बल्कि बिहार विधान सभा चुनाव के बहिष्कार तक की धमकी दे डाली। ऐसा तब हुआ जब सकरी नदी पर पुल निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है।

अब सबसे बड़ा सवाल जब बालू का खनन एक माह बाद स्वत: बंद हो जायेगा तब विरोध क्यों?  इसके पूर्व कार्य आरंभ से पहले विरोध क्यों नहीं? बालू माफिया के नापाक मंशा व काली करतूत इस हंगामें का मूल कारण प्रतीत हो रहा है।

    इसके पूर्व सिरदला प्रखंड क्षेत्र के महवतपुर बालू घाट पर बालू मुंशी व कर्मचारियों के साथ मारपीट की भी घटना को स्थानीय बालू माफियाओं द्वारा अंजाम दिया गया। जब पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई तब खुद की बदनामी से बचने के लिए बालू माफिया स्थानीय महादलितों को ढ़ाल के बतौर आगे कर मानक से अधिक खनन का आरोप लगा काम बंद करवा दिया गया। जिला प्रशासन की टीम ने जांच की। पर अबतक समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

ऐसे में सरकारी राजस्व की क्षति तो हो ही रही है, बालू माफियाओं की चांदी कट रही है। सरकार को पूरे मामले की जांच कराने की सख्त आवश्यकता है। एक समय था जब जिले में बालू घाटों की निलामी की होड़ रहती थी, आज निलामी लेने से कन्नी काटने लगे हैं। वह समय दूर नहीं जब जिले में सिर्फ और सिर्फ बालू माफियाओं की चलेगी, सरकार की नहीं, क्योंकि हमाम में सबके सब नंगे हैं। जबतक बालू माफिया व भ्रष्ट अधिकारी की मिलीभगत रहेगी, तबतक बालू की उठाव,लूटपाट एवं अगहनी बेहिचक चलता ही रहेगा

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