बिहार सरकार ने नसबंदी और बंध्याकरण योजना के तहत मिलने वाली राशि में वृद्धि की है। अब पुरुष नसबंदी कराने पर ₹3000 और महिलाओं को बंध्याकरण पर ₹2000 से ₹3000 तक मिलेंगे। प्रेरक को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। -सुरेश प्रसाद आजाद

बिहार की नीतीश सरकार हर वर्ग के लोगों के हित के लिए कुछ न कुछ सोचती रहती है और योजना बना उसे धरातल पर लागू करती है। हम जिस योजना की बात करने जा रहे है, वह है तो पुराना, पर मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी कर दी गई है। यानी सीधे एक हजार रुपये बढ़ा दिया गया है। यह योजना सिर्फ पुरूषों के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी है। दोनों वर्गों के लोग योजना का लाभ उठा सकते हैं। आइये जानते हैं कि क्या है योजना।
योजना है नसबंदी और बंध्याकरण का
दरअसल, बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए सरकार की हर कोशिश नाकाम रही है। हर वर्ष हजारों महिलाओं का बंध्याकरण किया जाता है। महिला की तुलना में न के बराबर पुरूष नसबंदी कराते हैं। हालांकि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हर वर्ष नसबंदी/बंध्याकरण के लिए अभियान चलाया जाता है और शिविर लगाई जाती है। बावजूद नसबंदी के लिए पुरूष आगे नहीं आते हैं। महिलाएं बंध्याकरण तो कराती हैं, पर वह भी अपेक्षित संख्या में नहीं। यही कारण है कि अभियान शत-प्रतिशत सफल नहीं हो पाता है।

नसबंदी-बंध्याकरण पर सरकारी लाभ
हाल तक अगर कोई पुरूष नसबंदी कराता था, तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसे प्रोत्साहन के रूप में 2000 रुपये देती थी। उस राशि को बढ़ाकर अब ₹3000 रूपये कर दिया गया है। वहीं, व्यक्ति को नसबंदी के लिए उत्प्रेरित करने वाली आशा को अब तीन सौ रुपये मिलेंगे। इधर, बंध्याकरण कराने वाली महिला को भी अधिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी।