दारा सिंह  का जीवन संघर्ष और सफलता की अद्वितीय कहानी है  । 

सुरेश प्रसाद आजाद

नवादा, 09 जून 2025 । 

19 नवंबर 1928 को पंजाब में जन्मे दारा सिंह अपने समय के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान थे। 🌍 उनकी कुश्ती की शुरुआत गांव के मेले से हुई थी, जहां उनकी ताकत और कौशल को देखकर लोग हैरान रह जाते थे। 🏋️‍♂️ जब कनाडा के वर्ल्ड चैंपियन जार्ज गार्डीयांका और न्यूजीलैंड के जॉन डिसिल्वा ने 1959 में दारा सिंह को चैलेंज दिया, तो कोलकाता में हुई कॉमनवेल्थ कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान दारा सिंह ने दोनों को मात दे दी। 🏆

एक बार ऐसा भी हुआ जब उन्होंने अपने से अधिक वजन वाले पहलवान को भी पटखनी दी। 🥋 यह मुकाबला रांची में हुआ था, जहां उनके सामने किंग कॉन्ग थे। 👑 दारा सिंह का वजन उस समय 130 किलो था, जबकि किंग कॉन्ग का वजन 200 किलो था। 🏋️ लेकिन दारा सिंह ने हार मानने से इनकार कर दिया और किंग कॉन्ग से भिड़ गए। 💪 इसके बाद, दारा सिंह ने किंग कॉन्ग को चित कर दिया और रिंग से बाहर फेंक दिया।

दारा सिंह की यह दृढ़ता और ताकत आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। ❤️ उन्होंने न केवल कुश्ती में बल्कि भारतीय सिनेमा में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई। 🎥 दारा सिंह ने ‘किंग कॉन्ग,’ ‘रसगुल्ला,’ और ‘धरती का लाल’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें उन्होंने अपनी कुश्ती के हुनर को भी प्रदर्शित किया। 📽️

दारा सिंह का जीवन संघर्ष और सफलता की अद्वितीय कहानी है। 🌟 उन्होंने भारतीय सिनेमा में भी अपनी जगह बनाई और ‘रामायण’ में हनुमान का किरदार निभाकर सभी का दिल जीत लिया। 🌸 उनकी मेहनत और समर्पण की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। 🌈

दारा सिंह की उपलब्धियाँ और उनका जज्बा हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा। 💖 उनकी यह प्रेरणादायक कहानी हमें हमेशा याद दिलाती है कि सच्ची मेहनत और धैर्य से कुछ भी संभव है। 🌟

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