सुरेश प्रसाद आजाद

नवादा, 22 अप्रैल 2025 ।
जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में आज डीआरडीए सभागार में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, जिला स्वास्थ्य समिति, राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन हेतु जिला स्तरीय समन्वय समिति, आकांक्षी जिला, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, डेवलपिंग पार्टनर, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा केंद्र एवं विभिन्न स्तर के अस्पतालों तथा अन्य सभी मापदंडों की समीक्षा की गई।

जिला पदाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिन्हित उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की समयबद्ध पहचान, पंजीकरण एवं सतत निगरानी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ंविभाग, आशा कार्यकर्ता, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला की प्रारंभिक जांच के दौरान यदि कोई जटिलता (उच्च रक्तचाप, एनीमिया, मधुमेह, पूर्व प्रसव जटिलताएं आदि) पाई जाती है तो उसे एचआरपी (उच्च जोखिम गर्भवती) के रूप में चिन्हित किया जाए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे प्रत्येक एचआरपी केस की नियमित निगरानी करें एवं तय समय पर महिला को संस्थागत प्रसव केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाएं।

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन, नवादा को निर्देश दिया कि ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर एचआरपी से संबंधित जानकारी दी जाए एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के जीवन की रक्षा प्रशासन की प्राथमिकता है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा एवं मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से उच्च जोखिम प्रसव के मामलों के लिए सभी एमओआईसी (MOIC) को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि वर्तमान में सभी पंचायतों में संचालित महिला जन संवाद एवं डॉ. अम्बेडकर समग्र अभियान के अंतर्गत आयोजित शिविरों में कमजोर स्वास्थ्य संकेतकों वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच के लिए विशेष शिविर लगाए जाएं। इन शिविरों के माध्यम से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच एवं अन्य आवश्यक स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की जाए, ताकि सुदूरवर्ती क्षेत्रों की महिलाओं एवं बच्चों को समुचित इलाज मिल सके।

जिलाधिकारी ने सभी एमओआईसी को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रसव संबंधित अद्यतन रिपोर्ट तैयार करें। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गरीब परिवारों की महिलाओं का प्रसव सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। आशाओं द्वारा किए गए कार्यों जैसे– घरों की संख्या, गर्भवती महिलाओं की संख्या एवं प्रसव की संख्या की नियमित समीक्षा के भी निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि लोग परिवार नियोजन के लाभों को समझें और स्वेच्छा से इसे अपनाएं।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त प्रियंका रानी, सिविल सर्जन विनोद कुमार चौधरी, डीपीओ आईसीडीएस निरूपमा शंकर, एनसीडीओ डॉ. वी.वी. सिंह, सीडीओ डॉ. माला सिंघा, डीपीएम अमित कुमार सहित सभी प्रखंडों के प्रभारी पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित थे।