गांधी संग्रहालय,पटना में 44 वां जेपी स्मृति व्याख्यान हुई सम्पन्न।

-दिनेश कुमार अकेला 

० विषय: नागरिक स्वतंत्रता है

    लोकतांत्रिक राज्य की आधारशिला।

पटना , 24 मार्च 2025।

 मानवाधिकार से जुड़े देश की लोक स्वातंत्र्य संगठन, पीयूसीएल के संस्थापक लोकनायक जयप्रकाश नारायण थे। इसके प्रथम राष्ट्रिय अध्यक्ष सर्वोच्य न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश VM तारकुंडे थे। पीयूसीएल के संस्थापक J P की मृत्यु के उपरांत 23 मार्च मृत्यु दिवस   पर देश के विभिन्न राज्यों में जेपी स्मृति व्याख्यान आयोजित लगातार होते चला आ रहा है। इसी की एक कड़ी के रूप में आज पटना के गांधी संग्रहालय में 23 मार्च 25 को दोपहर 3 बजे दिन से नागरिक स्वतंत्रता लोकतांत्रिक राज्य की आधारशिला है, जैसे संवेदनशील महत्वपूर्ण ज्वलन्त विषय पर एक राष्ट्रिय स्तर की वार्षिक व्याख्यान पीयूसीएल, बिहार इकाई की ओर से आयोजित की गई थी।

इस विषय पर व्याख्यान देने वाले मुख्य वक्ता रवि नायर , कार्यकारी निदेशक,साऊथ एशिया ह्यूमन राइट्स डॉक्युमेंटेंशन सेंटर के थे। इसकी अध्यक्षता पीयूसीएल के राष्ट्रिय अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव व राज्य अध्यक्ष आनंद किशोर ने संयुक्त रूप से की। जबकि मंच का संचालन पीयूसीएल के प्रदेश महासचिव सरफराज ने किया।

   अपने व्याख्यान में रवि नायर ने अनेकों उदाहरण पेश करते हुऐ कहा कि आज देश के किसी भी राज्य के किसी भी कोने में नागरिक स्वतंत्रता सुरक्षित नहीं है। तमाम जगहों पर दमन के शिकार हो रहा है। पीयूसीएल निर्माण के पूर्व इंदिरा निरंकुश शासन काल 1975-76 में तो देश में इमरजेंसी लगाकर नागरिक स्वतंत्रता का घोर हनन किया गया था। संवैधानिक मौलिक अधिकारों को समाप्त कर दिया था। लेनिन, आज तो मानो देश में बिना इमरजेंसी के दिनदहाडे धड़ल्ले से नागरिक स्वतंत्रता को खत्म करने की सरकार प्रायोजित घृणित व क्रूर शाजिस की जा रही है। दरअसल आज की हकीकत है कि देश में अघोषित इमरजेंसी लागु है। यह इंदिरा गांधी द्वारा घोषित इमरजेंसी से की तुलना में आज की अघोषित इमरजेन्सी कम खतरनाक नहीं है।

     रवि नायर ने आगे कहा कि किसी भी राज्य में चाहे शासन किसी भी पार्टी की क्यों न हो सभी जगह नागरिक स्वतंत्रता पर जबर्दस्त दमन व कुठाराघात जारी है। इन्होंने अनेक उदाहरण देकर बताया कि झारखंड,  छत्तीसगढ़,बिहार,उड़ीसा,तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश,बंगाल समेत अन्य राज्यों में बड़ी तेजी से अघोषित इमरजेंसी के दौर में भी नागरिक स्वतंत्रता का हनन बेशर्मी व बेरहमी से बिना रोकटोक के हो रहा है। दमन नये-नये रूपों में जारी है।

    रवि नायर ने आगे बताया कि भारतीय संविधान के अनुसार देश की कार्यपालिका,न्यायपालिका एवं विधायिका को नागरिक स्वतंत्रता की मुक्कमल रक्षा करनी चाहिए। मगर जमीनी सच्चाई तो यह है कि आज नागरिक स्वतंत्रता सुरक्षित रहने की बातें तो दूर रही,नागरिक स्वतंत्रता को कुचलने में राज्य सरकारों की ओर से कृत्रिम प्रायोजित आपसी प्रतियोगिता है।

     उन्होंने अंततोगत्वा साफ-साफ कहा कि मौजूदा परिस्थिति में अभी पीयूसीएल को सांगठनिक दृष्टिकोण से एकजुट व सैद्धान्तिक रूप से दृढ प्रतिबद्ध होकर ही सतत् प्रयास तथा संघर्स के जरिये ही देश की निरंकुश पुलिस-प्रशासन और सरकार पर सार्थक अंकुश लगाना संभव है। नागरिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के बिना  लोकतांत्रिक राज्य की आधारशिला की बातें करना सिर्फ कोरी बकवास तथा दिवास्वप्न है। दरअसल यह कड़वी सच व अकाट्य  है कि शासन सत्ता जिस भी वर्ग की होती है ,कार्यपालिका,न्यायपालिका और विधायिका उसी के ईशारे पर पालतू कुत्ते की तरह धूम हिलाकर थिरकते हुए चाटुकारी करती है। 

      जेपी स्मृति व्याख्यान में बिहार के दर्जनों जिलों पटना,गया,नवादा, नालन्दा,भागलपुर,समस्तीपुर,मधुबनी, हाजीपुर समस्तीपुर,सीतामढ़ी, बेगुसराय,औरंगाबाद आदि जिले से सैकड़ों प्रबुद्ध व शिक्षाविद् शामिल थे। पीयूसीएल द्वारा आयोजित उक्त सफल कार्यक्रम काफी संतोषजनक, उत्साहवर्द्धक व शिक्षाप्रद रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *